स्वामी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान

नैनीताल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र, उत्तराखंड सरकार और चार धाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ को उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 को चुनौती देने वाली डॉक्टर सुब्रमणियन स्वामी की याचिका में तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने आदेश दिया है ।याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की पीठ ने की ।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चार धाम और राज्य के 51 अन्य मंदिरों को संचालित करने के लिए एक नवनिर्मित कानून चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम 2019 का विरोध करते हुए सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की थी ।
इस विधेयक को दिसंबर 2019 में विधानसभा में पारित किया गया था, स्वामी ने अपनी याचिका में कहा राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है और किसी भी सरकार कान्ये अधिकार ही नहीं है कि वह मंदिर आदि का संचालन स्वयं ke हाथ में ले ऐसा प्रतीत होता है यह निर्णय दुर्भावनापूर्ण और बाहरी विचारों से प्रभावित हैं । ” बता दें कि चार धाम और अन्य मंदिरों के पुजारियों द्वारा इस कानून का विरोध पहले से ही किया जा रहा है उनका कहना है कि राज्य सरकार ने उनके पारंपरिक अधिकारों को छीनने के लिए क़ानून का ग़लत उपयोग किया है।