सिटी बस अध्यक्ष ने मांगा पुलिस विभाग से किराया

दून महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने राजधानी दून में मीडिया से वार्ता करते हुए बताया की विगत 11 जुलाई को 108 के पूर्व कर्मियों का प्रदर्शन दून मे हुआ था। जिसमें पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर 6 सिटी बसों के माध्यम से सुद्दोवाला जेल ले जाया गया था और उन बसों को बिना किसी भुगतान के शाम 5:30 बजे छोड़ा गया। डंडरियाल ने बताया की यातायात निदेशक केवल खुराना द्वारा भी यह घोषणा की गई थी, यदि कोई व्यक्ति सड़क पर घायल हुआ हो और सिटी बस द्वारा उसे हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है, तो वह उस बस का किराया पुलिस मद से देंगे। पूर्व में भी धरने प्रदर्शनों में आंदोलनकारियों को सिटी बस से ही कहीं भी ले जाया जाता है, लेकिन उसका कोई भुगतान नहीं होता। उन्होंने बताया की पिछले वर्ष भी सहस्त्रधारा रूट की सिटी बस को आंदोलनकारियों द्वारा काफी क्षति पहुंचाई गई थी, जिसका भुगतान पुलिस द्वारा नहीं किया गया। वाहन स्वामी को अपने खर्चे में ही पंद्रह,बीस हजार रुपये लगाने पड़े। विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया की जब उक्त 6 सिटी बसों के भुगतान के बारे में सीओ डालनवाला से बात की गई तो उन्होंने कहा की इसका भुगतान आरटीओ विभाग में एआरटीओ द्वारा सिटी बस का बिल दे कर दिया जाएगा। जबकि हमारी रूट परमिट की बसे हैं और हम प्राइवेट टूरिस्ट ऑपरेटर नहीं हैं, तो फिर हम बिल देकर भुगतान कैसे ले सकते हैं। उन्होंने कहा की कहीं हमारे ऊपर दबाव तो नहीं बनाया जा रहा है। इस बारे में उन्होंने जब आरटीओ से बात की गई तो उनके द्वारा पुलिस द्वारा गाड़ी ले जाने में आरटीओ विभाग द्वारा फंड की इस मद में कोई व्यवस्था नहीं है बताया गया है। अब प्रश्न यह उठता है पुलिस द्वारा हर धरने प्रदर्शन में आंदोलनकारियों की ज्यादा संख्या होने पर सिटी बसों में ही ले जाया जाता है, और सिटी बसों के मालिकों को ना ही डीजल, चालक, परिचालक का पैसा दिया जाता है। जो कि वाहन स्वामी द्वारा यह खर्चे स्वयं में वहन किए जाते हैं जो सरासर सिटी बस वाहन स्वामियों के साथ अन्याय है। डंडरियाल ने पुलिस विभाग से मांग की कि 6 सिटी बसों का कुछ तो भुगतान करें जिससे कि वाहन स्वामियों पर जायदा बोझ ना पड़े।