मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा,आपदा प्रभावितों को 4-4 लाख की सहायता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद आई भयावह आपदा का जायजा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्षेत्र में पहुंचकर लिया।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज उत्तरकाशी के आपदा ग्रस्त इलाकों के दौरे पर गए थे,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने की घोषणा की।आपदा प्रभावितों को 4- 4 लाख की सहायता देने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर, आपदा प्रभावितों के दुख को कम करने का भरोसा दिलाया। हालांकि इस आपदा में करीब 70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। जिसमें 15 व्यक्तियों की मौत, 6 व्यक्ति लापता, 8 व्यक्ति घायल हुए हैं।आपदा प्रभावित क्षेत्र में हुए समस्त नुकसान का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फीडबैक लिया। साथ ही मोटर मार्ग के पुल, पैदल पुल, सरकारी संपत्ति,सड़क, विद्युत पेयजल लाइनों के हुए नुकसान का समस्त ब्यौरा तलब किया।मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अब तक पहुचांयी गई राहत एवं बचाव कार्यों पर संतुष्टि जताई। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सेब के बागवानों को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अब तक पहुंचाई गई राहत-
आपदा प्रभावितों के लिए 1000 किलोग्राम राशन (आटा, दाल, चावल), 2000 फूड पैकेट्स, 5000 लिटर पानी एवं 16000 लीटर का टैंकर, 300 कंबल, 50 टेंट, दवाइयां, आस्का वा सोलर लाइट समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में आराकोट, मोरि एवं ट्यूणी में भंडारित किया गया है।
प्रभावित गांवों में खाद्यान्न व पेयजल आपूर्ति हेलीकॉप्टर के माध्यम से की गई है इसके साथ ही कुछ गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से उपरोक्त सामग्री पहुंचाये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये वितरित की जाएगी।
पशु, गौशाला एवं भवनों की क्षति का आकलन किया जा रहा है।
300 कर्मचारी खोज, बचाव एवं राहत कार्य में लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें क्षेत्र में लगाई गई हैं।
क्षेत्र में 10 हेलीपैड सक्रिय किए गए हैं तथा एटीएफ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में गैस सिलेंडर उपलब्ध है तथा आवश्यकता की स्थिति में ट्यूनी स्थित गोदाम से 150 गैस सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है।
आराकोट में 150 कुंतल जलावन लकड़ी उपलब्ध कराई गई है।
राहत एवं बचाव कार्य हेतु भारतीय वायु सेना तथा नागरिक उद्यान के 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग में आरा कोर्ट तक यातायात सुचारू हो गया है।
पुरोला क्षेत्र में अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए 6 जेसीबी, 2 पोकलैंड तथा एक कंप्रेसर काम कर रहे हैं
52 गांवो में से 40 में विद्युत आपूर्ति सुचारू हो गयी है एवं शेष 12 गांव में विद्युत आपूर्ति सुचारु किए जाने की कार्रवाई चल रही है।
12 गांव में जलापूर्ति बाधित होने के उपरांत अस्थायी जलपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसडीआरएफ के अंतर्गत आपदा, राहत एवं निर्माण के लिए 320 करोड रुपए की व्यवस्था की गई है।
15 जून से अभी तक राज्य में हुई आपदा के कारण 59 व्यक्तियों की मृत्यु, 55 व्यक्ति घायल, 12 लापता हुए हैं। इसके साथ ही 62 बड़े व 263 छोटे पशुओं की हानि भी हुई है।