मित्र पुलिस ने नकली एसएसपी के पीआरओ को किया गिफ्तार

ऊधम सिंह नगर में मित्र पुलिस को ठगी और रंगदारी के मामले में बडी सफलता मिली है ।जहाँ  एसएसपी ​का पीआरओ बनकर बलात्कार व पीड़िता को जान से मारने की धमकी देने के एक मुकदमे को वापस करवाने का लालच देकर बहेड़ी के तीन शातिरों ने एक परिवार सवा लाख रूपये ठग लिए। पुलिस ने ठोस साक्ष्यों के आधार पर तीनों को दबोच लिया है। उनसे वसूली गई पचास हजार रुपये की रकम भी बरामद कर ली गई है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला बहादुर नारायण कालौनी रेजीएण्ट स्कूल के पास रूद्रपुर निवासी रेखा गुप्ता पत्नी राजेश कुमार ने तहरीर दी थी कि उसके पुत्र कौशल गुप्ता के खिलाफ कोतवाली रूद्रपुर में एक नाम की लड़की द्वारा रेप, मारपीट व सरेआम उसे अपमानित करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले से उसके पुत्र कौशल कुमार का नाम हटवाने व परिवार वालों को भी इस मुकदमे से बचाने की एवज में एसएसपी का पीआरओ बनकर कुछ लोगों ने उससे सवा लाख रूपये रंगदारी वसूली गई है। रेखा ने बरेली के बहेडी कस्बे के आजाद नगर शाहगढ़ निवासी 30 वर्षीय कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष पुत्र बेनीराम गंगवार व उसके साथियों को पार्टी बनाया गया था। इस तहरीर के आधार पर कोतवाली रूद्रपुर मामला दर्ज किया गया। इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी ने टीम गठित की, टीम ने मामले की जांच पड़ताल के बाद कल नामजद आरोपी कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष पुत्र बेनीराम गंगवार को शक्तिफार्म से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में कमल ने बताया गया कि उसके दो अन्य साथी भी इस घटना में उसके साथ थे। इनमें से एक बरेली के दवरनिया थाने के तहत पड़ने वाले गांव उदरा निवासी 28 वर्षीय प्रवेश कुमार पुत्र दुर्गपाल है, जबकि दूसरा रामपुर मिलक थाने के अंतर्गत आने वाले गांव गहलुइया निवासी 36 वर्षीय छोटेलाल पुत्र राम है। छोटेलाल इस समय 45 बी सुपर सिटी, बरेली में रहता है। उसने बताया कि उसने अपने साथी प्रवेश को बताया कि एक मामला आया है जिससे हम अच्छे पैसे कमा सकते हैं। एक कौशल नाम का व्यक्ति है जिसके खिलाफ थाना रूद्रपुर पर एक महिला बलात्कार का केस लिखाने के लिए जा रही है, यह आदमी मेरी पहचान का है यदि इस आदमी कौशल व इसके परिवार वालों को मुकदमा लिखाने का भय दिखाकर व यदि मुकदमा लिख जाता है तो परिवार वालों का नाम हटाने को लेकर मोटी कमाई हो सकती है, कौशल के परिवार वाले मेरे पास ही आ रहे हैं, इनको मुझ पर शक भी नहीं होगा, पर एक बात की समस्या आ रही है एक ऐसा आदमी नहीं मिल पा रहा है, जो एसएसपी का पीआरओ बनकर कौशल के परिवार वालों से बात कर सके। ऐसा आदमी चाहिए जो अधिकारी की तरह बात कर सके, इस पर प्रवेश ने बताया कि मेरा साडू भाई बरेली मेें मास्टर है, जो अच्छा पढ़ा लिखा भी है वह अधिकारी बनकर बात कर सकता है। इस योजना को अन्जाम देने के लिए उसने प्रवेश के साडू से बात की तो वह पैसे के लालच में पीआरओ बनने को तैयार हो गया।

एक दिसंबर को मनीष द्वारा अभियुक्त कौशल के बड़े भाई राहुल व उसकी मां रेखा से 25000 रू. की रकम कौशल को बचाने की एवज में ली गई। 6 दिसंबर को दोबारा रूद्रपुर थाने के पास 40,000 रूपये रंगदारी के रूप में वसूले गए। सात दिसंबर को थाना देवरनिया बरेली के पास साठ हजार रूपये कौशल के परिजनों से वसूल लिये। इस समस्त घटनाक्रम में आरोपी एक्सयूवी-300 नं0-यूपी-25-सीआर-2111 का प्रयोग करते थे। इस समस्त घटनाक्रम में छोटेलाल ने रंगदारी हेतु मोबाइल फोन पर फर्जी पीआरओ बनकर कौशल के परिजनों से वार्ता की। अभियुक्तगणों से जिस फोन से अभियुक्तगणों द्वारा वार्ता की गयी रंगदारी माॅगी वह कमल उर्फ मनीष का ही था, काम पूरा होने पर सिम व फोन तोडकर बहेड़ी के नाले में फेंक दिया गया।पुलिस ने आरोपियों के पास से पचास हजार रूपये बरामद कर लिए है।एक्सयूवी गाड़ी भी पुलिस ने जब्त कर ली है।