महिला को गोली लगने से शरीर में 50 जगह हुए सुराख,एम्स ने बचाई जान

चिकित्सकीय टीम द्वारा बताया गया कि इन्फिरियर मीजेंट्रिक आर्टरी नामक खून की धमनी के फटने के कारण शरीर में खून का रिसाव हो रहा था,जिसे उपचार कर बंद कर दिया गया। साथ ही मरीज के शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में लगी चोटों का उपचार दवा द्वारा भी किया गया। करीब पांच घंटे में चिकित्सकों की पूरी जिम्मेदारी व कठिन परिश्रम से इस जटिल ऑपरेशन में सफलता हासिल कर ली गई। इसके बाद मरीज को दो दिन वेंटीलेटर पर चिकित्सकों की निगरानी में रखने के बाद एक सप्ताह तक भर्ती रखा गया। पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर पूरे ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती गई, ऐसी स्थिति में चिकित्सकों ने पीपीइ किट, फेशिल्ड लगाकर इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एम्स की ट्रामा सर्जरी टीम को इस तरह के सराहनीय कार्य के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी, डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा जी ने बधाई दी गई है।
एम्स संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि इमरजेंसी व ट्राॅमा से संबंधित जटिल मामलों के लिए संस्थान के पास वेंटीलेटर सिस्टम व आईसीयू की मुकम्मल सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि गोली लगने जैसे मामलों में मरीजों में सबसे अधिक ब्लड की जरुरत होती है, लिहाजा हमारे पास संस्थागत ब्लड बैंक के माध्यम से 24 घंटे रक्त की सुविधा उपलब्ध है,जिससे मरीज की जान को बचाया जा सके व उसके इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आएं।