भोले के जयकारों के साथ कांवड यात्रा शुरु

आज से कांवड़ यात्रा शुरु हो रही है। देवभूमि उत्तराखण्ड को शिव की भूमि कहा गया है। यहीं कैलाश पर शिव का वास है और यहीं हरिद्वार व हिमालय में ससुराल। इसलिए कांवड यात्रा का केन्द्र भी उत्तराखण्ड ही है। देशभर के कांवडिये हरिद्वार, गंगोत्री, गोमुख आदि स्थानों से गंगाजल लेकर सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर पूरी तरह तैयार है, सुरक्षा के लिहाज से मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन,31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है। 30 जुलाई तक चलने वाले इस मेले में देशभर से इस बार तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। हरिद्वार पहुंचने वाले शिवभक्तों की टोलियां हरकी पैड़ी से गंगा जल लेकर भोले के जयकारों के साथ गंतव्यों को रवाना होंगी।


कांवड़ यात्रा शुरु होने के साथ ही आज से हरिद्वार आने जाने वाले हाईवे 30 जुलाई तक के लिए डायवर्ट कर दिये गये हैं। देहरादून से दिल्ली, हरिद्वार समेत कुमाऊं मंडल जाने के लिए रुट डायवर्ट हो गए हैं। रुट डायवर्ट की स्थिति मेें देहरादून से हरिद्वार एवं कुमाऊं की तरफ जाने वाला पूरा यातायात वाया ऋषिकेश-चीला होकर संचालित होगा। जबकि देहरादून से दिल्ली जाने व आने वाला पूरा यातायात सहारनपुर से शामली-बागपत मार्ग पर चलेगा। दिल्ली मार्ग पर यह व्यवस्था 24 जुलाई तक रहेगी, जबकि 25 जुलाई से दून-दिल्ली मार्ग का समस्त यातायात पांवटा साहिब-करनाल से पानीपत होकर संचालित होगा। रोडवेज बसें भी परिवर्तित मार्गों पर चलेंगी। ये व्यवस्था 30 जुलाई शिवरात्रि तक रहेगी। कांवड मेले के मद्देनजर हरिद्वार में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, पुलिस,पीएसी समेत अर्धसैनिक बलों को मिलाकर तकरीबन 10 हजार जवान मेला डयूटी में तैनात किए गए हैं।