ब्रेकिंग- नैनीताल की सबसे खूबसूरत चोटी "चायना पीक" में फिर हुआ भूस्खलन,90 के दशक के ज़ख्म हुए ताज़ा।

नैनीताल की सबसे खूबसूरत चोटी चायना पीक की पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा बर्फ़बारी के चलते गिर गया जिससे आसपास के क्षेत्रों में ख़तरे की स्थिति बन गयी है,बुधवार शाम करीब 5 बजकर 25 मिनट से चायना पीक  से नीचे की ओर तेज़ आवाज़ें आने लगी जिन्हें सुनकर चायना हाउस,हंस निवास,और मेलरोज़ कंपाउंड से लोग बाहर आने लगे।चायना पीक के बीच पहाड़ी में भूस्खलन हो रहा था जिसे देखकर लोगो के हाथ पैर फूलने लगे,भूस्खलन की वजह से मलबा भी काफी नीचे तक आ गया था लेकिन काफी संख्या में पेड़ होने की वजह से मलबा रोड तक नही पहुंचा,क्षेत्र के वार्ड मेंबर दया सुयाल से स्थानीय लोगों ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेकर इलाके की देख रेख की मांग की है।


बुधवार शाम भूस्खलन के बाद की तस्वीर।

गौरतलब है कि नैनीताल की ये चोटी समुद्र तल से लगभग 2084 मी (6,837) फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है,जहा से नैनीताल की प्रसिद्ध झील आम के आकार की दिखाई देती है,इसीलिए नैनी झील को मैंगो शेप झील भी कहा जाता है।चायना पीक 90 डिग्री पर बिल्कुल सीधी पहाड़ी है।90 के दशक में इस चायना पीक से एक हिस्सा नीचे आ गिरा था जिससे पंत सदन,गैस गोदाम,हाइकोर्ट,स्विस होटल,शेरवानी हिल टॉप इत्यादि भवन काफी प्रभावित हो गए थे।मंगलवार से लगातार पड़ रही बारिश और बुधवार की सुबह से ही हो रही भारी बर्फबारी के चलते  29 जनवरी को फिर चायना पीक के दो अलग अलग स्थानों से पहाड़ी का हिस्सा गिर गया,कुछ प्रत्यक्ष दर्शी लोगो के मुताबिक चायना पीक से मलबा नीचे गिरने की आवाज़ आई तो वो अपने घरों से बाहर आये और देखा कि चोटी से दो अलग अलग स्थानों से मलबा गिर रहा था साथ ही मिट्टी भी उड़ रही थी।इस भूस्खलन की वजह से आसपास के सभी क्षेत्र और उत्तराखंड हाइकोर्ट खतरे की ज़द में आ गए हैं।

इस क्षेत्र में 90 के दशक के बाद सुरक्षा दीवारे बनवाई गई,और वृक्षारोपण भी किया गया ताकि भूस्खलन को रोका जा सके लेकिन पिछले 15 से 20 सालों में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मकान बना दिये गए हैं,इतना ही नही हांडी बांडी से लेकर सैनिक स्कूल तक कंस्ट्रक्शन का इतना ज़्यादा काम किया गया कि चायना पीक की जड़ ही हिलने लगी है।बुधवार को हुए भूस्खलन से फिलहाल किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान की कोई खबर नही है लेकिन यहाँ के रहनुमाओं की ही वजह से आज कंक्रीट के जंगल मे तब्दील हो चुके नैनीताल की सबसे खूबसूरत चोटी आज बड़े हादसे की वजह बनते बनते रह गयी,हालांकि चायना पीक के नीचे का क्षेत्र अब भी खतरे की ज़द में है।