फैक्ट चेक ! क्या वास्तव में नैनीताल में घुस आए नकाबपोश ?

इनदिनों कोरोना काल चल रहा है पूरे देश मे लॉक डाउन किया गया है ,शासन प्रशासन की ओर से भी सख्त हिदायत दी गयी है कि सोशल मीडिया में कोरोना वायरस या किसी भी तरह की दहशतगर्दी की खबर पोस्ट ना की जाए,लेकिन नैनीताल में 7 अप्रैल की सुबह से ही सोशल मीडिया में अफ़वाहों का बाजार इतना गर्म हुआ कि मामला थाने जा पहुंचा।


दरअसल नैनीताल में 7 अप्रैल की सुबह मॉल रोड के एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तेज़ी से वायरल होने लगी जिसमे ये दावा किया जा रहा था कि नैनीताल में 7 से 8 नक़ाब पहने हुए लोग चोरी छिपे  शहर में घुस आए।पोस्ट में ये भी कहा गया है कि ये सभी हल्द्वानी मार्ग से पैदल ही नैनीताल पहूंचे हैं,इनके कंधों पर बैग भी थे और तेज़ी से ये लोग ठंडी सड़क और मॉल रोड में दो दलों में बंट गए।

 

ये खबर सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल होने लगी।आवाज़24x7 ने जब इस खबर की तफ्तीश की तब पता चला कि  ये सभी बिहारी मजदूर लोग थे जो कि दो दिन पहले ही जिला प्रशासन के आदेशानुसार रानीबाग में बने क्वारेन्टीन सेंटर को बनाने के लिए काम पर गए थे,जिन्हें आज सुबह ही लोक निर्माण विभाग के ट्रक द्वारा तल्लीताल में छोड़ा गया। तल्लीताल के ही एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसके सामने ही लोक निर्माण विभाग का ट्रक इन सभी मजदूरों को लेकर आया,ये सभी मजदूर मल्लीताल क्षेत्र के रुकुट कंपाउंड में पिछले कुछ महीनों से रह रहे थे,लॉक डाउन की वजह से ये मजदूर अपने घर नही जा सके।

कोरोना वायरस की वजह से इन दिनों माहौल संगीन बना हुआ है ,किसी भी अंजान व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है ऐसे में इन बिहारी मजदूरों को माल रोड से गुजरता देख लोगो मे हड़कंप मच गया और बात आग की तरह सोशल मीडिया में फैल गयी। 


आवाज़24x7 एक जिम्मेदार समाचार समूह होने के नाते जनता ,सोशल मीडिया समूह ,न्यूज़ एजेंसियों से अपील करता है कि ऐसी किसी भी अफवाह को बिना पुष्टि किये न तो प्रसारित करे और न ही  शेयर करें ।