फैक्ट चेक:उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की ख़बर भ्रामक और असत्य

कुछ दिनों से उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की ख़बर का मुद्दा गरमा गया है सोशल मीडिया में तेज़ी से खबरें वायरल हुई कि उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं ,कोरोना से हट कर जंगलों को बचाओ । इसीलिए जंगलों में लगी आग की खबरे भी आग की ही तरह तेज़ी से फैलने लगी इन सभी खबरों का खंडन करते हुए आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सामने आकर ट्वीट करना पड़ा । 



मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  ट्वीट के माध्यम से पीआईबी के फैक्ट चेक का हवाला देते हुए लिखा है कि चीन और चिली के जंगलों में लगी आग एवम वर्ष 2016 और 2019 कि वनाग्नि की पुरानी तस्वीरों के माध्यम से उत्तराखंड के खिलाफ एक भ्रामक और सत्य से परे दुष्प्रचार चल रहा है कृपया ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दे और ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहें। 



राज्य के वन विभाग के प्रभारी जय राज ने जंगलों में लगी आग की ख़बर पर आपत्ति जताई है और उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग मधुकर धकाते को सोशल मीडिया की खबरों पर नजर रखने के लिए उत्तराखंड वन विभाग का सोशल मीडिया प्रभारी बना दिया गया है। 

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की खबरें देश की जानी मानी न्यूज़ एजेंसी एएनआई तक ने ट्वीटर पर पोस्ट की, गौर करने वाली बात ये है कि देश के बड़े न्यूज़ चैनल,न्यूज़ पेपर और न्यूज़ पोर्टल एएनआई से ही पुष्टि कर ख़बरों को लगाते हैं।



कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन है जिस कारण आम पब्लिक की गतिविधियों में कमी आई है, इसलिए इस बार जंगलों में आग की घटनाएं सामने नही आई है आवाज़ उत्तराखंड ने जब वन विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बार उत्तराखंड में आग लगने की घटनाएं नही हुई है जबकि फायर सीजन निकलने को है चूंकि जंगलों में इस बार आग नही लगी तो करोड़ों की वन संपदा और वन्य प्राणी भी सुरक्षित है वन विभाग का कहना है जंगल फ़िलहाल सुरक्षित हैं । उत्तराखंड के जंगलों में  लगी आग की ख़बर पूरी तरह बेबुनियाद और भ्रामक है ।