पांच सौ करोड़ रूपयों की छात्रवृत्ति घोटाले में हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के दिये निर्देश

समाज कल्याण विभाग में पांच सौ करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति घोटाले मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने मामले में एक आरोपी अनुराग शंखधर को एक सप्ताह के भीतर जाँच अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं ,साथ ही राज्य सरकार को मामले की जाँच के लिए आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित करने की संशोधन प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए सरकार से तीन सप्ताह के भीतर इस सन्दर्भ में शपथपत्र पेश करने को कहा है।मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा पूर्व में गठित एसआईटी के अध्यक्ष टीसी मंजूनाथ ने अपने शपथपत्र में कहा कि इस घोटाले के आरोपी अनुराग शंखधर जाँच में सहयोग नही कर रहे हैं, जबकि राज्य सरकार ने अपने संशोधन प्रार्थना पत्र में कहा कि यह मामला पूरे प्रदेश से जुड़ा है,इसलिए सरकार इस मामले की जाँच आईपीएस अधिकारी से कराना चाहती है । इसी से जुड़े मामले में अनुराग शंखधर ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिका दायर की थी जिसे खण्डपीठ ने खारीज कर उन्हें एक सप्ताह के भीतर जाँच अधिकारी के समक्ष पेश होने हो कहा है।
राज्य आंदोलनकारी देहरादून निवासी रविन्द्र जुगरान व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया,जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है। जबकी 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमन्त्री द्वारा एसआईटी गठित की गयी थी और 3 माह के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा था, परन्तु इस पर आगे की कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। इसके साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए।