पंचायती राज एक्ट का किया विरोध।

विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार द्वारा अचानक पंचायती राज एक्ट विधेयक पास करने को लेकर अब तमाम पार्टियों के साथ-साथ पूर्व पंचायत के लोग भी इसका विरोध करने लगे हैं। आज राजधानी दून के हिंदी भवन में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व नेता ने बताया कि उन्होंने अब पंचायत रक्षा अधिकार मंच के नाम से एक संगठन तैयार किया है, जिसके लिए पूरे प्रदेश में इसके अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने जिस प्रकार अचानक से पंचायती राज संशोधन बिल पास करके नया कानून अपनाने का काम किया है, उसमें कई खामियां हैं। जैसे कि सामान्य और अनुसूचित जाति जनजाति के लिए शिक्षा में एक नियम निर्धारित किया है। वहीं ओबीसी में कोई भी प्रावधान नहीं दर्शाया गया इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने एक्ट में दो बच्चों से ऊपर वालों को चुनाव से वंचित रखने की बात कही यह एक नियम विरूद्ध है, क्योंकि आठवीं पास और 10वीं पास के साथ-साथ जिनके 2 से अधिक बच्चे हैं वह लोग राज्यसभा मेंबर, विधायक और यहां तक के सांसद भी बन सकते हैं, केवल पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते। इसके लिए वह लोग राज्यपाल को बिल संशोधन करने के लिए भेजेंगे यदि सरकार के द्वारा बिल में संशोधन नहीं किया गया तो इसके लिए वह कोर्ट की शरण लेंगे।