नैनीताल पुलिस क्या अपराधियों को जानबूझकर शह देती है ?

 2 जनवरी को भीमताल के चंदा देवी में पुलिस का भेष धर कर राधेश्याम नामक एक शातिर दिमाग वाले व्यक्ति ने हल्द्वानी के नाज़िम को कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी,पहले भी इस मार्ग पर कई हत्यायें हो चुकी है और शवों को ठिकाने लगाया जा चुका है,आपराधिक वारदातों को इस मार्ग पर आये दिन होना पुलिस की सुरक्षा नीति पर सवाल खड़ा कर देती है कि आखिर बदमाशो को क्या पुलिस की शह मिल रही है? या पुलिस का कोई खौफ ही अब इन बदमाशों को नही रहा? नाज़िम हत्याकांड के बाद अपराधी राधेश्याम काठगोदाम होते हुए पुलिस को ठेंगा दिखा कर फुर्र हो गया। रानीबाग और भीमताल तक का मार्ग करीब 18 किमी लंबा है इस मार्ग पर ऐसी आपराधिक घटनाएं अब ज़्यादा होने लगी है।आजकल पर्यटन सीजन भी खूब चल रहा है ऐसे में पुलिस को और ज़्यादा मुस्तेद होना चाहिए था। रानीबाग और भीमताल का ये मार्ग अब अपराधियो के लिए हत्या करने का और लाशों को ठिकाने लगाने का सबसे ज़्यादा सुरक्षित अड्डा बना हुआ है,वो भी तब जब भीमताल और रानीबाग के रास्ते मे सलड़ी में एक पुलिस चेक पोस्ट भी अभी कुछ ही महीनों पहले खोली गई है। पुलिस की नाक के नीचे नाज़िम की हत्या को अंजाम देकर अपराधी कैसे फरार हो गया ? सलड़ी में बने पुलिस चेक पोस्ट की पुलिस आखिर थी कहाँ ? दिन दहाड़े अपराधी पुलिस के ही भेष में आने जाने वाले वाहनों को चेक भी करता रहा क्या तब भी पुलिस को भनक नही लगी? आपको बता दे कि ये मार्ग अब अपराधियो का पसंदीदा अड्डा बनता जा रहा है,पिछले ही साल इसी मार्ग पर रुद्रपुर के एक बिजिनेस मैन को सरेआम ही कार में जला कर मार दिया था,2012 में एक महिला का जला हुआ शव भी इसी मार्ग पर मिला था,एक कार में दो महिलाओं का शव 2008 में मिलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी थी।रानीबाग और भीमताल के बीच ये मार्ग कई आपराधिक घटनाओं का गवाह बन चुका है,लेकिन पुलिस महकमे की लापरवाही इस मार्ग पर गुनाह करने के लिए शातिरों को शह दिए जा रही है।