नैनीताल के गेठिया में कमरा बंद कर अँगीठी सेकना पड़ा भारी,माँ बेटे की हुई मौत।

पहाड़ो की सर्द हवाओं से लगने वाली ठंड से बचने के लिए लोग अक्सर अलाव जलाया करते हैं,और घरों में अँगीठी या सगड़ का इस्तेमाल तकरीबन पहाड़ो के हर घर मे किया जाता है,लेकिन बंद कमरे में अँगीठी या सगड़ जलाकर देर तक रखने से अक्सर जान भी चली जाती है,ऐसा ही नैनीताल के गेठिया में भी कल रात हुआ, जहां बंद कमरे में रखी अँगीठी से निकले ज़हरीले धुँए ने एक परिवार की खुशियां ही छीन ली।18 जनवरी की रात गेठिया में एक चौकीदार राजू पुत्र सुनील विश्वास निवासी रामबाग दिनेशपुर अपनी पत्नी सागरिका (22 वर्ष) और पुत्र अंश (2 वर्ष) के साथ बंद कमरे में अँगीठी जलाकर सो गए,अँगीठी से निकले धुँए की वजह से सागरिका और अंश की मौत हो गयी । तल्लीताल थाना प्रभारी विजय मेहता के अनुसार राजू पिछले 5 महीनों से रामपुर निवासी व्यवसायी के निर्माणाधीन मकान में चौकीदारी कर रहा था,जहां रात में बंद कमरे में अँगीठी जलाकर सोना इस परिवार को महंगा पड़ गया, बीवी और बच्चे की मौत से राजू क्षुब्ध हो गया है।

आवाज़24x7 उत्तराखंड आप सभी को सलाह देता है कि सर्दियों में बंद कमरों में अँगीठी जलाकर बिल्कुल न रहें और न सोएं।अँगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से जान जा सकती है।