धोखाधड़ी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

ऊधम सिंह नगर में सत्यधाम सेवा समिति एवं मानव सेवा समिति के नाम पर लगभग 13 हजार लोगों से 28 करोड़ 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।विदित हो कि काशीपुर कोतवाली में एफआईआर सं. 184/2019 धारा 420, 406 भादवि व 3/4/5/6 चिट फंड मनी सर्कुलेशन अधिनियम 1978 व थाना आईटीआई में एफआईआ सं. 78/2019 धारा 420,406 भादवि के अभियुक्तां महेन्द्र सिंह एवं ओमवीर सिंह की गिरफ्तारी के लिए एएसपी डा. जगदीश चन्द्र के निर्देशन में कोतवाल काशीपुर तथा आईटीआई प्रभारी के द्वारा एक टीम का गठन किया गया तथा आज मुखबिर की सूचना पर मुरादाबाद रोडवेज बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया।
घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी बरिन्दरजीत सिंह ने बताया कि अभियुक्तगणों महेन्द्र सिंह एवं ओमवीर सिंह यादव द्वारा वर्ष 2012 में सत्यधाम सामाजिक सेवा एवं जन कल्याण समिति 2016 में मानव सेवा एवं जन कल्याण समिति तथा वर्ष 2018 में सत्यधाम अर्धनारीश्वर मन्दिर ट्रस्ट रजिस्टर्ड कराई गई। इनके द्वारा सत्यधाम सामाजिक सेवा एवं जन कल्याण समिति के नाम पर उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश में लगभग 20 से अधिक शाखायें खोलकर ब्रांच मैनेजरों व 200 से अधिक एजेन्टों की नियुक्ति कर निर्धन कन्याओं के विवाह व शिक्षा व आर्थिक सहायता का प्रलोभन देकर ट्रस्ट/समिति के नाम पर सहयोग कहने को कहकर एक वर्ष में जमा धनराशि की दोगुनी धनराशि देने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी की गई। जिसमें सत्यधाम संस्था/ट्रस्ट/हाउस के लगभग 8 हजार सदस्यों से कुल 22 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी कर गबन किया गया तथा मानव सेवा समिति के लगभग 5 हजार सदस्यों से 6 करोड़ 75 लाख रुपये एकत्र किये गये।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ओमवीर सिंह यादव पुत्र राजेन्द्र सिंह यादव निवासी मरघटी थाना टांडा जिला रामपुर हाल निवासी विशाल नगर, जसपुर खुर्द, थाना आईटीआई तथा महेन्द्र सिंह यादव पुत्र श्री राजेन्द्र सिंह यादव निवासी मरघटी थाना टांडा जिला रामपुर हाल निवासी विशाल नगर, जसपुर खुर्द, थाना आईटीआई को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अभियुक्तों के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए एसएसपी बरिन्दरजीत सिंह ने बताया कि ओमवीर सिंह अपने भाई महेन्द्र सिंह, संजय सिंह तथा अपने माता-पिता के साथ ग्राम मरघटी, रामपुर ;उ.प्र.द्ध से वर्ष 2008 में काशीपुरआकर किराये के मकान में रहने लगे। महेन्द्र सिंह आयुर्वेदिक दवाई जिनमें जैतून का तेल, त्रिफला चूर्ण तथा गुप्त रोगों की दवाईयां बेचने लगा। संजय सिंह व ओमवीर सिंह मल्टीवाल में नौकरी करने लगे। पिता राजेन्द्र सिंह नेत्रहीन थे। महेन्द्र सिंह द्वारा दवाईयों से पैसे कमाकर एक प्लाट खरीदा गया। लोगों को जोड़ने के लिए इसके द्वारा एक मन्दिर सत्यधाम अर्द्धनारीश्वर मन्दिर का निर्माण किया गया। भक्तिभाव व धर्म का सहारा लेकर लोगों को अपने साथ जोड़ा तथा मन्दिर को सत्य धाम अर्द्धनारीश्वर मन्दिर समिति के नाम से वर्ष 2012 में रजिस्टर्ड करवाया। आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से गरीब लोगों की सहायता के नाम पर 13,500/- रुपये जमा कराकर जमाकर्ता की पुत्रियों की शादी में इलेक्ट्रोनिक सामान जैसे वाशिंग मशीन, सिलाई मशीन, एलईडी टीवी, फ्रिज आदि देने का प्रस्ताव तैयार कर कार्य आरंभ किया।
इसके अलावा उ.प्र. के मुरादाबाद, रामपुर, भोजपरु, सिरसी, डिडौली, बिजनौर, मिलक खानम, बिजारखाता, गंगापुर कदीन, सीकमपुर, पटवई आदि तथा उत्तराखण्ड के केलाखेड़ा, काशीपुर, गढ़ीनेगी, कुण्डा, बाजपुर आदि स्थानों पर ब्रांच खोलकर प्रचार-प्रसार कर लोगों को अपने साथ जोड़ा। उनसे निर्धन कन्याओं के विवाह में इलेक्ट्रानिक सामान व फर्नीचर देने के नाम पर लोगों से 13,500/- तथा 27,500/- रुपये तथा शादियों में मोटर साईकिलें भी देने की योजना तथा बाद में वर्तमान मोटर साईकिल की कीमत से 15 हजार रुपये कीमत भी जमा कराने हेतु प्रोत्साहित कर धन एकत्रित किया गया।
वर्ष 2016 में पैसों के बंटवारे व लेन-देन को लेकर ओमवीर व महेन्द्र के बीच आपसी मनमुटाव हो गया। ओमवीर द्वारा महेन्द्र से अलग होकर कुआखेड़ा काशीपुर में मानव सेवा एवं जन कल्याण समिति का गठन किया। यही कार्य ओमवीर सिंह द्वारा आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया। इसके द्वारा भी प्रचार-प्रसार हेतु धमौरा, दढ़ियाल, खूनापुर, भोट आदि स्थानों पर ब्रांच खोलकर ब्रांच मैनेजरों की नियुक्ति कर निर्धन लोगों से धन एकत्र किया गया। इसके अलावा ओमवीर द्वारा 2 वर्ष में जमा धनराशि को दोगुना करने के नाम पर एफडी का कार्य भी शुरु किया गया। इस प्राप्त धन से डॉ. अम्बेडकर स्मारक ट्रस्ट सोसायटी 65 लाख रुपये में खरीदी। लोगों में मानव सेवा जनकल्याण समिति के प्रति विश्वास जमाये रखने हेतु इसके द्वारा मानव सेवा पब्लिक स्कूल की स्थापना की गई जहां कक्षा 5 तक के 130 बच्चों को निःशुल्क एडमिशन व शिक्षा दी गई। स्कूल की जमीन एवं उस पर तैयार भवन लगभग 2 करोड़ की कीमत से तैयार किया गया। मानव गौशाला समिति का गठन कर लगभग 100 गाय खरीदीं जिनकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है। अंशिका ट्रेडर्स फर्म का निर्माण करने के साथ-साथ कई स्थानों पर प्लॉट व जमीने आदि भी खरीदी गईं। अभियुक्तगणों द्वारा काशीपुर के आसपास तथा उ.प्र. में क्रय की गई सम्पत्ति का विवरण अप्राप्त है।
एसएसपी ने बताया कि अभियुक्त गण ट्रस्ट छोड़कर अचानक फरार हो गये थे जिस कारण फर्म एवं ट्रस्टों से संबंधित दस्तावेज विवेचना में सम्मिलित नहीं हो पाये। अभियुक्तगणों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर अभियोग से संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लेकर पुलिस विवेचना में सम्मिलित किया जायेगा।