तारीख पर तारीख ! मिलती है तो सिर्फ़ तारीख पर तारीख

कोर्ट के चक्कर काट काट कर चप्पलें घिस जाती है,ये कहावत यूँ ही नही बनी होगी,कोर्ट से सही समय न्याय न मिल पाने और हर बार तारीखों के सिवाए कुछ न मिलने पर चप्पलें ही घिसती हैं बस और कुछ नही।

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने 9 अप्रैल 2019 को व्यापक रूप से जजो के ट्रांसफर का आदेश जारी किया था, जिसके बाद से अभी तक नैनीताल में तबादलों का सिलसिला जारी है । हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक नैनीताल से श्वेता राणा चौहान का ट्रांसफर अप्रेल माह मे देहरादून फोर्थ एसीजेएम के पद पर किया गया था,जिसके बाद अब तक नैनीताल में सिविल जज का पद रिक्त पड़ा है,आखिर क्या वजह है जो 5 महीने होने को है और अब तक नैनीताल में ये पद खाली पड़ा है। सिविल कोर्ट में न जाने कितने लोगों के केस अटके पड़े है जिन्हें हर महीने तारीखों के सिवा कुछ नही मिलता,कभी कोर्ट में प्रस्ताव लग जाता है तो कभी फरियादी जज के ना होने पर मायूस होकर लौट जाते है उनमें से अधिकतर फरियादी निम्न स्तर के भी है जो बमुश्किल ही पैसे जुटा कर इस उम्मीद से कोर्ट आते है कि शायद इस बार जज आ गया हो और इस बार उन्हें न्याय मिल जाये लेकिन ना तो इस ओर न्यायपालिका ध्यान दे रही है और न हाई कोर्ट से कोई सुध ले रहा है।