झीलो के किनारे निर्माण कार्य और पेड़ों के कटान पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने झीलों के किनारे से दो किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य व पेड़ो के कटान पर रोक सम्बन्धी पूर्व के आदेश में  संसोधन करने सम्बंधित विभिन्न प्रार्थना पत्रो पर सुनवाई करते हुए प्रार्थना पत्रो को निरस्त कर दिया है जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि इससे सम्बन्धित एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए ये प्रार्थना निरस्त करने योग्य है । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश  रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खण्डपीठ में हुई।

पूर्व में सोशल आर्गेनाइजेशन यूनिटी एंड नेचर डेवलपमेंट्स के सेक्रेटरी तारा सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को लिखित पत्र भेजकर कहा था कि भीमताल, खुटानी पदमपुरी, विनायक आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में पेड़ों का अवैध कटान करके उस स्थान पर भवन निर्माण किया जा रहा है जिसको रोकने के लिए वन विभाग और प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है साथ ही ये भी कहा गया है कि पहाड़ो व वनों की जैव विविधताओं को नुकसान हो रहा है। मामले का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पूर्व की खण्डपीठ ने  झीलो के दो किलोमीटर के दायरे में निर्माण पर रोक लगा दी गई है और कोर्ट ने पांच किलोमीटर के दायरे पर पेड़ों के कटान भी पर रोक लगा दी थी।