जिलाप्रशासन की लापरवाही से हो रही राशन की कालाबाज़ारी ।।

देश के साथ उत्तराखंड में भी काेरोना वायरस  से जंग लड़ी जा रही है । लॉकडाउन के दौरान आम लोगों की सहूलियत के लिए उत्तराखंड सरकार ने अनेक कारगर कदम उठाए हैं, इसके बावजूद कुछ मुनाफाखोर संकट के समय में भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। राशन की कालाबाजारी में लिप्त दुकानदार तय मूल्य से अधिक दामों  में समान बेच रहे  है। प्रशासन द्वारा रेट लिस्ट ना तय किये जाने के कारण इन लोगों की चांदी हो गयी है और  ये लोग राशन सामग्री को तय दर से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं ।


उत्तराखंड राज्य के अधिकतर जिलों में। जिलाधिकारी के द्वारा राशन भाजी आदि की दुकानों के लिए रेट लिस्ट बनाई गई है जिससे राशन की कालाबाज़ारी पर रोक लग सके लेकिन  उधम सिंह नगर जिले में जिलाधिकारी के द्वारा किसी भी तरह की अब तक रेट लिस्ट नही बनाई गई है जिसकी वजह से आम जनता को महंगे दामों पर राशन और सब्जियां मिल रही है । 

सरकारी स्तर पर अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था भी नजर नही आती है जिससे उन मुनाफाखोर दुकानदारों पर शिकंजा कसा जा सके  जो संकट की घड़ी में भी मुनाफाखोरी कर रहे हैं।  



प्रशासन की सख्ती के बाद राशन और फल व सब्जियों की कालाबाजारी पर कुछ लगाम लगी है । लेकिन मुनाफाखोरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। किराने की दुकानों पर अब पैक्ड फूड में चांदी काटी जा रही है। खुलेआम दुकानदार एमआरपी से अधिक दाम वसूल रहे हैं। मैगी, नमकीन, चिप्स समेत बेकरी आइटम्स तीन से पांच रुपये तक अधिक दाम पर बेचे जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सप्लाई में आई कमी का दुकानदार फायदा उठा रहे हैं।


वही जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित रेट लिस्ट ना जारी कर दुकान के बाहर रेट लिस्ट ना चस्पा करने से मुनाफेखोर दुकानदार तुम कर जमकर फायदा उठा रहे हैं । 


इतना ही नहीं कड़ी हिदायत के बाद भी कुछ दुकानदार मुनाफाखोरी ना करनेे आदेश का पालन भी नहीं कर रहे हैं। जिससे आम आदमी को राशन की मुनाफाखोरी से कुछ भी राहत नही मिल पा रही है । कोरोना महामारी के संकट की इस घड़ी में भी कुछ ऐसे व्यापारी हैं जो मुनाफा कमाने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं।