हल्द्वानीे - चिपको आंदोलन की जननी को याद किया याद

1974 में शुरू हुए विश्व विख्यात चिपको आंदोलन की जननी प्रणेता श्रीमती गौरा देवी जी, ने 26मार्च 1974को आज ही के दिन चमोली जिले के रैणी गांव में महिला मंगल दल बनाकर पेड़ों की रक्षा की थी। बात उस वक्त की है जब चीन से युद्ध हारने के पश्चात सरकार को चमोली जिले की याद आई और वहां पर सड़क बनाने के लिए 2451 पेड़ों का छपान कर काटने के आदेश दे दिये । जिसकी भनक गौरा देवी को लगी तो उन्होंने 21महिलाओं व कुछ बच्चों को लेकर पेड़ों के आगे चिपक गई, और कहा इन पेड़ों के साथ हमें भी काट दो वन ठेकेदार के आदमी पेड़ों को बगैर काटे वापस चले गए । इस प्रकार गौरा देवी ने उन पेड़ों की रक्षा की, इस आंदोलन के प्रभाव से 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक विधेयक बनाया जिसमें पंद्रह वर्षों तक हिमालय राज्यों में वनों के कटान पर प्रतिबंध लगाया आज उन्हीं के आंदोलन के स्मृति पर परमार्थ संस्था द्वारा वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट जी व संस्था के संदीप कुकशाल के सानिध्य मे निशुल्क पौधों का वितरण किया गया व पर्यावरण की महत्ता को देखते हुए वृक्षों को लगाने व बचाने का संकल्प लिया गया.
इस दौरान समाजसेवी गोपाल अधिकारी वन क्षेत्राधिकारी डॉक्टर मदन सिंह बिष्ट परमार्थ संस्था के संदीप कुमार आदि लोग मौजूद रहे.