चारधाम यात्रा से प्रभावित हो सकती हैं स्वास्थ्य व्यवस्थायें कई डॉक्टर्स की ड्यूटी चारधाम में लगने से बढ़ सकती है मरीजों की दिक्कतें

7 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा पहाड़ो में स्वास्थ सेवाओ को प्रभावित कर स्वास्थ सेवाओ को डामाडोल करने में बड़ा असर डाल सकती है| दरअसल उत्तराखण्ड के तमाम सरकारी अस्पतालो से कई स्पेस्लिस्ट और एमबीबीएस डॉक्टर्स की ड्यूटी इस बार भी यात्रा रूट पर लगाई गयी है जो यात्रियों का हैल्थ चेकअप से लेकर स्वास्थ सबंधी दिक्कतों के लिए यात्रा रूटों पर तैनात रहेंगी लेकिन इस दौरान सरकारी अस्पतालो में डॉक्टर्स की कमी मरीजों की दिक्कतों को बड़ा सकती हैं खासतौर पर इसका असर पहाड़ी क्षेत्रो पर अधिक देखने को मिलेगा जहाँ स्वास्थ व्यस्थाओ के डामाडोल हालात और डॉक्टर्स की पहले से चल रही कमी मरीजो को खासी परेशानी में डाल सकती है, जनपद पौड़ी से भी 7 स्पेस्लिस्ट डॉक्टर्स के साथ 13 एमबीबीएस डॉक्टर्स की तैनाती भी चारधाम में की गयी है जबकि जनपद में डॉक्टर्स की पहले से भारी कमी है यहाँ मौजूदा समय में 158 डॉक्टर्स ही 276 डॉक्टर्स के सापेक्ष अपनी सेवाएं दे रहे हैं इनमे से 20 डॉक्टर्स की तैनाती इस बार चारधाम रूट्स में की गयी है जिससे पहाड़ की स्वास्थ व्यवस्थाओ पर इसका गहरा असर पड़ सकता है हालाँकि स्वास्थ विभाग का कहना है की मरीजो की दिक्कते अधिक न बढे इसके लिए रोस्टर बेस ड्यूटी लगाई गयी साथ ही जिन अस्पतालो में पहले से सम्बंधित रोगों के 2 डॉक्टर्स मौजूद थे उनमे से 1 डॉक्टर को चारधाम में भेजा जा रहा है वहीँ सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रो में फार्मासिस्ट स्वास्थ्य व्यवस्था का जिम्मा सम्भालेंगे।