चारधाम देवस्थानम बोर्ड मामले में रोलक संस्था ने पक्षकार बनने को हाई कोर्ट में पेश किया प्रार्थना पत्र

उत्तराखंड हाइकोर्ट में आज देहरादून की रोलक संस्था ने  बीजेपी के राज्य सभा सांसद व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा उत्तराखंड सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका में अपने को पक्षकार बनाने हेतु प्रार्थनापत्र पेश किया है इस मामले में सम्भवतः बुधवार को सुनवाई हो सकती है। संस्था का कहना है कि सरकार द्वारा पारित चारधाम देवस्थानम एक्ट सही है और जनहित में है ।

बोर्ड द्वारा ही मन्दिरों की देखभाल की जा जायेगी। इससे किसी भी हिन्दू के धार्मिक भावनाओं का हनन नही हो रहा है न ही संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हो रहा है। याचिकर्ता द्वारा एक्ट की संवैधानिकता  के आधार पर चुनोती दी गयी जिसमे अनुच्छेद 14 के उल्लंघन होना कहा गया है जो गलत है इससे किसी भी धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन नही हो रहा है।


 आपको बता दें कि बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है। याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम् बोर्ड के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 52 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था।