गैरहाजिर चिकित्सकों के लिए सरकार ने उठाया कदम

स्वास्थ्य सेवाओं में लेखा व वित्तीय मामलों को सुव्यवस्थित करने के लिए अब जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय व अस्पतालों में नियमित लेखा कर्मी तैनात होंगे।इस बावत विभाग में तैनात 45 वर्ष से कम आयु के उन कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा,जो वर्तमान में लेखा लिपिक के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इसके साथ स्वास्थ्य महानिदेशक ने लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे चिकित्सकों की सेवा अविलंब समाप्त करने व उनके स्थान पर नए चिकित्सकों की तैनाती करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।कहा कि पंद्रह दिन से अधिक समय तक बिना सूचना/अनिधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।ऐसे कार्मिकों को तुरंत नोटिस भेजा जाए।स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह निर्धारित अर्हता वाले कार्मिकों को प्रशिक्षण के लिए नामित करें।जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों,सरकारी अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की समीक्षा करें।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने के लिए अब विभाग में लेखा व वित्तीय मामलों को भी सुव्यवस्थित किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों व सीएमओ दफ्तर में बकायदा लेखा कर्मी की तैनाती होगी। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना द्वारा सभी सीएमओ, सीएमएस व आहरण वितरण अधिकारियों को वित्तीय व लेखा संबंधित नियमों के बारे में प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी की जा रही है।