कोरोना वायरस - जिसे ढूंढा गली गली,वो अपने ही राज्य मिली,कोरोना वायरस की अचूक दवाई का दावा अल्मोड़ा में ।

नींदे उड़ा देने वाले कोरोना वायरस का पूरी दुनिया मे एंटीडोट नही बन पाया है ,दुनिया का कोई भी देश वो दवा तैयार नहीं कर पाया है, जिससे इसका इलाज किया जा सके,देश में अब तक कोरोना वायरस के 40 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सभी राज्य अलर्ट पर हैं। इस बीमारी से हो रही मौतों से हर कोई डरा हुआ है। अकेले चीन में इस बीमारी से अब तक 3 हजार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग इसकी चपेट में हैं। लेकिन इस बीमारी को ठीक करने के लिए दवा ढूंढने का दावा किया गया है। भारत के उत्तराखंड के जिले में ये दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस का शुरुआत में ही उपचार किया जा सकता है।उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मोहान स्थित इंडियन मेडिसिन फार्मा सिटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने ये दावा किया है कि उनके लैब में बनने वाली यूनानी दवाई " शर्बते उन्नाब,"त्रियाके नजला",और " हब्बे बुखार" से कोरोनाग्रसित मरीज को शुरुआत में ही ठीक किया जा सकता है।
सूत्रों की माने तो अल्मोड़ा जिले में बनने वाली इन दवाइयों को मध्य प्रदेश सरकार से 35.50 लाख रुपये से ज़्यादा की कीमत में इन तीनो दवाइयों को मांगा है।गौरतलब है कि ये तीनो यूनानी दवाइयां कई सालों से आईएमपीसीएल में बनती आ रहीं हैं, मध्यप्रदेश सरकार ने एक पत्र लिख कर इन दवाइयों की मांग की है।जानकारी मिली है कि
आईएमपीसीएल के जनरल मैनेजर पनी राम आर्य ने बताया कि उनके पास इन तीनो दवाइयों की पर्याप्त मात्रा है जिसे देश की अन्य राज्य सरकारें भी मांग जक्ति हैं।