कोयले और लकड़ी हुए पुराने,आकर्षक हीटरों ने गर्माये बाज़ार और घर।

पूरे उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से इन दिनों हीटर की मांग में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है, आलम कुछ यूं है कि तराई भागों में पड़ रही हड्डीयों को भी कंपा देने वाली ठंड की वजह से हीटर की मांग में एकाएक इजाफा आ गया है, जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में हीटर की मांग में बढ़ोतरी और सप्लाई में कमी देखी जा रही है।   नैनीताल में भी कड़ाके की ठंड की वजह से हीटर कारोबार में हीटरों की मांग में एकदम बढ़ोतरी देखने को मिली है, आलम यह है कि बाजार में अब हीटर की ही कमी होने लगी है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हीटर कारोबारियों ने बढ़ती हुई मांग को देखते हुए अब बाजार में तरह-तरह की खूबसूरत हीटर के मॉडल मंगवाए हैं जिनको लोग जमकर खरीद रहे हैं ।हीटर व्यवसायियों की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार हीटर की खरीददारी में करीब 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसी को देखते हुए बाजार में ऑयल हिटर, कार्बन हीटर,गैस हिटर, क़ुर्ट्स हीटर, हैलोजन हीटर समेत विभिन्न प्रकार के हीटर और ब्लोअर बाजार में उपलब्ध है, जिनकी कीमत 350  से लेकर 15000 तक है जो लोगों को ठंड से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के आकर्षक हीटर बाजार में मौजूद है।

 एक तरफ बाजार में हीटर की चमक बढ़ने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ हीटर की वजह से लकड़ी और कोयले का कारोबार घटने लगा है। बीते 10 साल पहले नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी और कोयले की खरीदारी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते थे, लेकिन बदलते समय के साथ लोगों ने ठंड को दूर रखने का नया माध्यम हीटर ढूंढ लिया है।

            वन विकास निगम की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब 50% से अधिक लोगों ने लकड़ी और कोयले की खरीदारी कम की है, उनके द्वारा केवल नैनीताल के विभिन्न क्षेत्रों में अलाव जलाने और शमशान के लिए लकड़ी दी जा रही है, या फिर विद्युत सेवा आपूर्ति ठप हो जाने पर लोग लकड़ियों की खरीदारी कर रहे हैं ।