उधमसिंह नगर के खटीमा के एक स्कूल में बुरी तरह पीटे गए मासूम नैतिक आर्या की हुई मौत

स्कूल बच्चों का दूसरा घर माना जाता है, क्योंकि सबसे ज़्यादा बच्चे अपने घर के अलावा स्कूल में ही अपना समय बिताते हैं,लेकिन बच्चों के दूसरे घर में यानी स्कूल में अगर उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी जाए जिसकी वजह से बच्चे की मौत ही हो जाये,तो भला कौन चाहेगा अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में पढ़ाना।देश भर में ऐसे कई मामले आये दिन देखने को मिलते हैं जहाँ ज़रा ज़रा सी बात पर टीचर्स के द्वारा बच्चों को बेरहमी से पीटा गया हो।

ताज़ा मामला उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा के लोहिया हेड के प्राइवेट स्कूल में देखने को मिला है,जहाँ जानवरों की तरह एक बच्चे की पिटाई कर दी गयी,बच्चे का नाम नैतिक आर्या बताया जा रहा है।जो क्लास 2 में पढ़ता था और केवल 5 साल का था।मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले नैतिक को एक टीचर ने बुरी तरह स्कूल में पीट दिया था,जिसके बाद बच्चे की हालत इतनी खराब हो गयी कि उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा जहां बच्चे की मौत हो गयी,स्कूल और टीचर के लिए पूरे परिवार और आस पड़ोस में खासा रोष बना हुआ है,और परिवार वाले टीचर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है।

आपको बता दें कि सरकार की ओर से सभी सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों को दिशा निर्देश देकर स्कूल पढ़ने वाले छात्रों की पिटाई पर रोक लगा दी थी,2007 में केंद्र सरकार ने इस साल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्थापना की थी,आयोग ने वजूद में आते ही स्कूली मास्टरों के हाथ से छड़ी छीनने के दिशा निर्देश देश भर में जारी किये थे,आयोग ने अपने पहले महत्वपूर्ण दिशानिर्देश में देश में बच्चों को शारीरिक सजा देने पर पाबंदी लगा दी थी,लेकिन इसके बाद भी देश भर में जगह जगह से स्कूली बच्चों को बुरी तरह मारने की खबरें आती रहती हैं।