उत्तराखण्डः बाघ के हमले से बचने का नायाब तरीका! कार्बेट पार्क में मुखौटा लगाकर गश्त कर रहे वनकर्मी, जानें क्या है इसकी विशेषता

Uttarakhand: Unique way to avoid tiger attack! Forest workers patrolling Corbett Park wearing masks, know what is its specialty

रामनगर। कॉर्बेट पार्क में वनकर्मी बाघों को चकमा देने के लिए मुखौटा लगाकर गश्त करे रहे हैं। इसके अलावा स्मार्ट स्टिक और एंटी एनिमल डिटरेंट स्प्रे भी दिया गया है, ताकि शिकारी जानवरों के हमले से बचने में मदद मिल सके। गौरतलब है कि उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र की बात करें तो बीते 15 सालों में 30 से ज्यादा वनकर्मी गश्त के दौरान वन्यजीवों के हमले में मारे जा चुके हैं। ऐसे में वन्यजीवों के हमले से बचने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने नया प्रयोग किया है। जिसके तहत वनकर्मी सिर पर पीछे पर मुखौटा पहनकर गश्त कर रहे हैं। कॉर्बेट प्रशासन की मानें तो इसका मकसद शिकारी जानवरों को चकमा देना है। इसके अलावा वनकर्मियों को कई सुविधाओं से लैस स्मार्ट स्टिक भी दिया गया है। बता दें कि कॉर्बेट पार्क में 260 से ज्यादा बाघ और 1000 से ज्यादा हाथी मौजूद हैं। यहां के वनकर्मी रात और दिन वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर लगातार गश्त करते हैं। कॉर्बेट पार्क में गश्त के दौरान बाघ और हाथी के हमले में कई वनकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा बाघ आबादी क्षेत्र में भी ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं।

वहीं लगातार वन कर्मियों पर हो रहे हमलों को देखते हुए पार्क प्रशासन ने अब एक नया प्रयोग किया है, जिसमें वनकर्मी मुखौटा पहनकर गश्त कर रहे हैं। कॉर्बेट पार्क के धनगढ़ी बीट के इंचार्ज डिप्टी रेंजर वीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बाघ पार्क के कई स्टाफ पर हमला कर चुका है। ऐसे में अब वनकर्मी पीछे सिर पर मुखौटा लगाकर गश्त कर रहे हैं। क्योंकि बाघ आगे से नहीं पीछे से अटैक करता है। ऐसे में मुखौटा देखकर उसे ऐसा लगेगा कि सामने से आदमी आ रहा है ताकि वो एकदम से अटैक न करे। इसके अलावा एक एंटी एनिमल डिटरेंट स्प्रे भी दिया गया है, जिससे जानवर को भी नुकसान न पहुंचे और वनकर्मी भी अपना बचाव कर पाएं। सीटीआर डायरेक्टर धीरज पांडे ने बताया कि वनकर्मी सिर पर पीछे से मुखौटा टाइगर को चकमा देने के लिए पहनते हैं, जिससे बाघ अगर पीछे से हमला करने की कोशिश करे तो उसे पीछे की साइड भी चेहरा लगे और वो कंफ्यूज हो जाए। इतनी देर में वन कर्मियों को बचने का मौका मिल जाए। उन्होंने बताया कि गश्त के दौरान टॉर्च, साइरन, चार्जिंग और हल्की करंट की सुविधा से लैस स्मार्ट स्टिक भी दिया गया है, जिससे अगर बाघ या अन्य शिकारी जानवर आ जाए तो उसे हल्का करंट लगे और वनकर्मी तब तक अलर्ट हो जाए।