उत्तराखंड पुलिस की दबिश! पांच बांग्लादेशी नागरिक और एक भारतीय महिला गिरफ्तार

देहरादून के क्लेमेंटटाउन इलाके में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों और एक भारतीय महिला को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में चार नाबालिग बच्चों को भी पुलिस ने संरक्षण में लिया है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के इलाके में रह रहे हैं, जिसके बाद एक संयुक्त टीम गठित कर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। पुलिस को फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड और बांग्लादेश के पहचान पत्र भी मिले हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 17 मई 2025 को सूचना मिली थी कि क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में कुछ बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसएसपी की ओर से एक संयुक्त टीम गठित की गई, जिसमें एसओजी देहरादून, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू ) और क्लेमेंटटाउन थाने की पुलिस को शामिल किया गया। टीम ने तत्परता दिखाते हुए इलाके में छापेमारी की और सात वयस्कों तथा चार नाबालिग बच्चों को हिरासत में लिया।गिरफ्तार किए गए पांच बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान निर्मल राय, शेम राय, लिपि राय, कृष्णा उर्फ संतोष और मुनीर चंद्र राय के रूप में हुई है। इनके साथ एक भारतीय महिला पूजा रानी भी रह रही थी, जिसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सामने आया कि ये सभी लोग बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में रह रहे थे। छापेमारी के दौरान मुनीर चंद्र राय के पास से पटना (बिहार) और पश्चिम बंगाल के नाम से बने दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए। वहीं कृष्णा उर्फ संतोष और निर्मल राय के पास से बांग्लादेश की पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि इन नागरिकों ने भारत में लंबे समय से रह रहे थे और फर्जी पहचान बनाकर खुद को भारतीय साबित करने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस जांच में पता चला कि भारतीय महिला पूजा रानी ने इन बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में रहने में मदद की थी। पूजा रानी पर आरोप है कि उसने जानबूझकर इन अवैध नागरिकों को पनाह दी, उनके लिए दस्तावेज़ बनवाने में सहायता की और उन्हें स्थानीय पहचान दिलवाने की कोशिश की। पुलिस ने इस महिला को भी षड्यंत्र और सहयोग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। छापेमारी के दौरान चार नाबालिग बच्चे भी मौके पर मिले, जिन्हें पुलिस ने तुरंत अपनी हिरासत में लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचित किया। इन बच्चों के भविष्य और संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उन्हें बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा गया है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ क्लेमेंटटाउन थाने में मामला दर्ज किया है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमें फर्जी दस्तावेज बनाना, षड्यंत्र रचना, और अवैध रूप से देश में रहना शामिल है. इसके साथ ही पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और लोकल इंटेलिजेंस यूनिटकी संयुक्त टीम को दी गई है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इन नागरिकों का कोई संबंध किसी आपराधिक या राष्ट्रविरोधी गतिविधि से है।