उत्तराखण्डः पांच साल में दस गुणा बढ़ गयी दून मेयर गामा की संपत्ति! आरटीआई एक्टिविस्ट नेगी ने किया खुलासा, आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस में शिकायत

Uttarakhand: Doon Mayor Gama's property increased tenfold in five years! RTI activist Negi disclosed, complaint in vigilance in disproportionate assets case

देहरादून। आरटीआई एक्टिविस्ट व एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने देहरादून कचहरी परिसर स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा को लेकर कई बड़े खुलासे किये हैं। पुख्ता दस्वाबेंजों के साथ किये गये इन खुलासों के साथ ही उन्होंने पूरे मामले की शिकायत विजिलेंस से भी की है। विकेश सिंह नेगी ने मेयर पर अपने पद का दुरूपयोग कर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया है।

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने आरोप लगाया है कि मेयर गामा ने अपने लोकसेवक पद का दुरुपयोग करते हुए आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। उनके अनुसार मेयर बनने के बाद गामा ने 5 करोड़ 32 लाख रुपये में 11 संपत्तियां खरीदी हैं। इसका बाजार मूल्य 20 करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने मेयर गामा की शिकायत विजिलेंस को की है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है। नेगी के मुताबिक 2018 में हुए चुनाव के समय सुनील उनियाल गामा ने लगभग सवा दो करोड़ की चल-अचल संपत्ति की घोषणा का शपथ पत्र दाखिल किया था। इसमें उनके पास छरबा विकास नगर में 12600 वर्ग और 4500 वर्ग गज का प्लाट, बंजारवाला में 260 वर्ग गज का प्लाट, कालागांव और डोभालवाला में 200-200 वर्ग गज का प्लाट और डोभालवाला में ही 333 वर्ग गज का प्लाट बताया। इसका मूल्य उन्होंने लगभग सवा दो करोड़ बताया।

एडवोकेट नेगी के अनुसार मेयर बनने के बाद उन्होंने अपने, अपनी पत्नी शोभा उनियाल, पुत्र शाश्वत के नाम से 11 विभिन्न संपत्तियां खरीदीं। राजस्व रिकार्ड में जिसकी कीमत 5 करोड़ 32 लाख 20 हजार है। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के मुताबिक इस संपत्ति का बाजार मूल्य 20 करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि एक लोकसेवक ने आय से कहीं अधिक संपत्ति खरीदी हैं जो कि भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत संपूर्ण दस्तावेजों के साथ विजिलेंस को कर दी है। उन्होंने कहा कि मेयर गामा ने एक संपत्ति चुनाव लड़ने से पहले खरीद ली थी, लेकिन उसका उल्लेख चुनावी शपथपत्र में नहीं किया। यह चुनाव अधिनियम के खिलाफ है। चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की जा रही है।

महंत से लीज पर ली जमीन भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में
आरटीआई एक्टिविस्ट नेगी का कहना है कि मेयर सुनील उनियाल गामा ने पद का दुरुपयोग करते हुए गुरु राम राय दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास से अपने पुत्र शाश्वत के नाम पर तीन पट्टे शहर के प्रमुख स्थानों पर किये हैं। इनमें से एक पट्टा 29 वर्ष के लिए और दो पट्टे 99-99 वर्ष की लीज का है। जिनकी लीज निकट भविष्य में स्वतः ही आगे बढ़ जायेगी क्योंकि इसमें दोनों पक्षों को काई आपत्ति नहीं होगी। इस बात का उल्लेख पट्टों की तीनों लीज डेट पर लिखा हुआ है। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के अनुसार यह सरासर लोकसेवक पद का दुरुपयोग है और यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने इस पट्टे को स्टैम्प डयूटी की चोरी माना है। इस जमीन का टैक्स जमा नहीं किया गया था। 99 साल की अवधि का पट्टा विलेख सीधे तौर पर विक्रय ही होता है। महंत ने भी टैक्स चोरी की है। निगम ने महंत को टैक्स चोरी का नोटिस भी जारी नहीं किया। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।