नैनीताल: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सोशल मीडिया पर न्यायाधीश और आरोपी के अधिवक्ता पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

Nainital: Police registered FIR on objectionable comments made on social media against the judge and advocate of the accused in the rape case of a minor

सरोवर नगरी में नाबालिग से दुष्कर्म के कारण बीती 30 अप्रैल को हुए बवाल के बाद सोशल मीडिया में उत्तराखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश और आरोपी के अधिवक्ता पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। ये जानकारी पुलिस ने हाइकोर्ट को दी। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 17 मई को दर्ज एफआईआर के अनुसार विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रांत सह मंत्री रनदीप पोखरिया के खिलाफ धारा 196(समूह के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) और धारा 353 (जनता के शरारत के लिए बयान) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। हाइकोर्ट ने बीते सप्ताह पुलिस से पूछा था कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?जिस पर सोमवार को पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि बीती 30 अप्रैल को नगर में 12 वर्षीय नाबालिग के साथ 73 वर्षीय उस्मान के दुष्कर्म करने की घटना सामने आने के बाद शहर में भारी जनाक्रोश देखा गया था। आरोपी के बेटे मोहम्मद रिजवान ने अपने स्थानांतरण और सोशल मीडिया पर की जा रही टिप्पणियों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए। जिसके बाद पुलिस ने जांच के आधार पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस के अनुसार, रनदीप पोखरिया ने एक और पांच मई को अपने सोशल अकाउंट पर रिजवान के स्थानांतरण को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थीं। 
प्रारंभिक जांच और शिकायतों के आधार पर विहिप के प्रांत सह मंत्री पोखरिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1)(ए) और 353(1)(सी) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।