दिल्ली में एकबार फिर AAP और LG में तकरार, शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेज रहे है केजरीवाल

Argument between AAP and LG in Delhi once again, Kejriwal sending teachers to Finland for training

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने का प्रस्ताव यह कहते हुए लौटा दिया कि वे पहले कार्यक्रम का लागत-लाभ विश्लेषण करें।

हालांकि, राज निवास ने कहा, "एलजी ने फिनलैंड में प्राथमिक प्रभारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है। इसके विपरीत कोई भी बयान भ्रामक और शरारत से प्रेरित है।” आतिशी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने भी इस मुद्दे को लेकर एलजी के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

आखिर क्या है विवाद और ट्रेनिंग को लेकर क्या है सवाल
दिल्ली में केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने के बाद वह सरकारी स्कूल के शिक्षकों को विश्व के कई देशों में एजुकेशन मॉडल को सीखने के लिए भेजती रही है। ऑक्सफर्ड, कैंब्रिज में ट्रेनिंग के लिए भेजा है। दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि इससे सरकारी स्कूल के टीचर्स और स्कूल प्रिंसिपल का आत्मविश्वास बढ़ा है। यही वजह है कि हमारे टीचर्स आज अपने क्लासरूम में नई पहल अपना रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने टीचर्स की फिनलैंड में ट्रेनिंग का प्रस्ताव मंजूर कर एलजी को भेजा लेकिन उनका कहना है कि देश में ही ट्रेनिंग करवा लें। वहीं एलजी ऑफिस की ओर से इस पूरे मामले में कास्ट-बेनिफिट विश्लेषण मांगा गया है।

 

दिल्ली सरकार की ओर से क्या दिया गया प्रस्ताव
एससीईआरटी दिल्ली की ओर से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्राइमरी इंचार्ज और एससीईआरटी के टीचर एजुकेटर्स के लिए फिनलैंड की जिवैस्क्यला यूनिवर्सिटी में पांच दिनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार किया है। यह वर्ल्ड के टॉप 40 यूनिवर्सिटी में एक है। दिसंबर 2022 और मार्च 2023 के बीच दो ग्रुप में इनको भेजने की योजना बनाई गई और सरकार की ओर से बजट पर ग्रांट दी गई। इस प्रस्ताव को एलजी के पास भेजा गया लेकिन वहां से मंजूरी नहीं मिली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए हम विदेश भेजते रहे हैं। दिल्ली की शिक्षा क्रांति में इसका बड़ा महत्व रहा है। इन्हें विदेश में ट्रेनिंग के लिए जाने से रोकना ठीक नहीं है।