हरिद्वार महाकुम्भ 2021 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मेला नियन्त्रण भवन हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 की आयोजन व्यवस्थाओं की शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी अखाड़ो के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक समीक्षा की।इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक,मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नगर विकास शैलेश बगोली,गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी मेला संजय गुंज्याल,अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, महामंत्री मंहत हरिगिरी सहित सभी अखाड़ो के प्रतिनिधि तथा सभी सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।इस अवसर मुख्यमंत्री ने संत महात्माओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी कुम्भ मेला दिव्य एवं भव्यता के साथ आयोजित हो,इसके लिये समेकित प्रयासों पर ध्यान दिया जाय,सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी।आगामी कुम्भ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय।मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये मिसाल बने साथ ही कुम्भ मेले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए नेत्र कुम्भ भी आयोजित किया जाय।उन्होंने कुम्भ क्षेत्र को केबल लैस बनाने के लिये बिजली व गैस पाइप लाइन को अण्डर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा साथ ही कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सड़को एवं पुलों के निर्माण में तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय।उन्होंने कहा कि कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि सड़क बनने से पूर्व सभी विभाग अपने से सम्बन्धित कार्यों को पूर्ण करा लें।सड़क बनने के बाद उसकी खुदाई करने की परम्परा को बन्द किया जाय।मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के भव्य आयोजन के लिये अखाड़ा परिषद् ने बड़ी सोच के साथ नील धारा में कुम्भ के आयोजन का प्रस्ताव रखा है।कुम्भ के दौरान सभी अखाड़ो को शाही स्नान के दौरान कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाय, इस सम्बन्ध में अखाड़ो को आवागमन में कोई बाधा न हो इसकी भी पहले से ही सुचारू व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा।वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे।इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षमा योग्य नहीं हो सकती है।मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत तथा मेला आईजी संजय गुंज्याल ने अपने व्यापक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कुम्भ के आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की जानकारी दी, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वैभव मित्तल ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सड़को एवं पुलो के निर्माण में तेजी लायी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आगामी कुम्भ मेला दिव्य एवं भव्यता के साथ आयोजित हो,इसके लिये समेकित प्रयासों पर ध्यान दिया जाय,सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी।आगामी कुम्भ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय।मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये मिसाल बने साथ ही कुम्भ मेले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए नेत्र कुम्भ भी आयोजित किया जाय।उन्होंने कुम्भ क्षेत्र को केबल लैस बनाने के लिये बिजली व गैस पाइप लाइन को अण्डर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा साथ ही कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सड़को एवं पुलों के निर्माण में तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय।उन्होंने कहा कि कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि सड़क बनने से पूर्व सभी विभाग अपने से सम्बन्धित कार्यों को पूर्ण करा लें।सड़क बनने के बाद उसकी खुदाई करने की परम्परा को बन्द किया जाय।मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के भव्य आयोजन के लिये अखाड़ा परिषद् ने बड़ी सोच के साथ नील धारा में कुम्भ के आयोजन का प्रस्ताव रखा है।कुम्भ के दौरान सभी अखाड़ो को शाही स्नान के दौरान कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाय, इस सम्बन्ध में अखाड़ो को आवागमन में कोई बाधा न हो इसकी भी पहले से ही सुचारू व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा।वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे।इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षमा योग्य नहीं हो सकती है।मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत तथा मेला आईजी संजय गुंज्याल ने अपने व्यापक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कुम्भ के आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की जानकारी दी, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वैभव मित्तल ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सड़को एवं पुलो के निर्माण में तेजी लायी गई है।