सालों से लटकी परियोजना को मिली बड़ी राहत

भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बांध परियोजना को एनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिल गई है। जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब इस महत्वपूर्ण परियोजना के काम में और तेजी आएगी। 40 से भी अधिक वर्षों के इंतजार के बाद भाबर के लोगों के सपना सच होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सालों से लटकी पड़ी जमरानी बांध परियोजना को हकीकत बनाने के लिए हमारी सरकार ने गम्भीरता से कोशिश की। इसमें केन्द्र सरकार की भी पूरा सहयोग मिला जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति ने बांध परियोजना को मंजूरी दी जा चुकी है। क्षेत्रवासियों की वर्षों पुरानी पेयजल की समस्या दूर होने जा रही है। 09 किलोमीटर लम्बे, 130 मीटर चौड़े और 485 मीटर ऊँचे इस बाँध के निर्माण से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ ही पेयजल व सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा। इससे खासतौर पर ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिले को ग्रेविटी आधारित जलापूर्ति होगी।परियोजना की कुल लागत 2584 करोड़ रुपये है।परियोजना की तकनीकी स्वीकृति केंद्रीय जल आयोग द्वारा फरवरी 2019 में दी जा चुकी है।बांध निर्माण के लिए वन विभाग ने 351.49 हेक्टेयर जमीन दी है। शासन से इसके लिए शुरूआती तौर पर 89 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी जा चुकी है।