विश्व प्रसिद्ध कार्बेट टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में भी हीलाहवाली


प्रदेश में बाघों की प्रमुख सैरगाह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दो हिस्सों कालागढ़ व रामनगर टाइगर रिजर्व में विभक्त है| इसमें 521 वर्ग किलोमीटर में कॉर्बेट नेशनल पार्क है जबकि शेष हिस्सा बफर क्षेत्र में है| उत्तर प्रदेश के बिजनौर क्षेत्र से सटे कार्बेट टाइगर रिजर्व को बेहद संवेदनशील माना जाता है। गाहे-बगाहे शिकारी इस रिजर्व के कोर जोन में घुसकर अपनी करतूत को अंजाम देते आए हैं। ऐसे में हमेशा ही रिजर्व की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं, बावजूद इसके सुरक्षा के मद्देनजर जमीनी रखवालों यानी वन रक्षकों की तैनाती को लेकर सुस्ती की रफ्तार साफ नजर आ रही है| लंबे अरसे से रिजर्व में वन रक्षकों के स्वीकृत 229 पदों में से 92 पद रिक्त चल रहे हैं, मगर इन्हें अभी तक भरा नहीं जा सका है। आलम यह है कि 1218 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस टाइगर रिजर्व में वास्तविक जमीनी रखवालों का टोटा है। यहां वर्तमान में 137 वनरक्षक ही कार्यरत हैं, इस लिहाज से देखें तो एक वनरक्षक के जिम्मे करीब 9 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आ रहा है, सूरते हाल अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यवस्था कैसी चल रही होगी| कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ना सिर्फ वनरक्षकों बल्कि वन क्षेत्राधिकारियों के पद भी खाली हैं|