भ्रस्टाचार की गंगोत्री में नहाने की कोशिश करता हल्द्वानी नगर निगम

नगर निगम तो वैसे ही बदनाम निगम है और इसके कर्ता धर्ता इसकी इमेज सुधारने की बजाए लगातार खराब ही करते रहते हैं। ताजा खेल नगर निगम हल्द्वानी में हुआ। यहां अपने चहेतों को ठेका देने के लिए टेंडर प्रणाली में ही खेल कर दिया गया। ठेके का टेंडर निकाला  गया लेकिन नाम के लिए , इस टेंडर को ऑनलाइन किया ही नहीं गया। सारा खेल इसलिए किया गया ताकि अपने चहेतों  को ठेका दिया जा सके ।  दरअसल हुआ यों कि निगम के नए वार्डों में 1.16 करोड़ के दस काम होने हैं  इनके लिए 18 जून को निविदा जारी की गई ,लेकिन टेंडर को ऑनलाइन करने के लिए निगम की वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया। नियमानुसार टेंडर जारी होने के बाद 24 घंटे के भीतर वेबसाइट पर अपलोड किया जाना होता है । उक्रांद के हिम्मतपुर वार्ड अध्यक्ष राकेश भट्ट की शिकायत के बाद निगम प्रशासन को लगा कि मामला गड़बड़ हो रहा है तो निगम ने टेंडर तिथि आगे बढ़ा दी ।

आपको बता दें कि नगर निगम हल्द्वानी क्षेत्र में दो साल से कोई काम नहीं हुआ है। लंबे इंतजार के बाद नए वार्डों में सड़क, नाली निर्माण, सीसी मार्ग के लिए चौदवें वित्त से काम होने हैं। इसके लिए निगम ने 18 जून को टेंडर जारी किया। 25 जून को निविदाएं खोली जानी थी। निगम ने अपनी वेबसाइट पर टेंडर को अपलोड नहीं किया। राकेश भट्ट का आरोप है कि उन्हें टेंडर फाॅर्म देने से इन्कार कर दिया गया। निविदा भी सीमित प्रसार वाले अखबारों में दी गई, जिसे अधिकांश लोग उसे देख ही नहीं पाए। बुधवार को इस मामले में उनकी सहायक अभियंता नवल नौटियाल ने बहस हो गई । बुधवार शाम निगम ने शुद्धि पत्र जारी कर दिया। जिसमें अपरिहार्य कारणों से टेंडर को वेबसाइट में लोड नहीं कर पाने का हवाला देते हुए निविदाएं मांगने की तिथि दो जुलाई दोपहर दो बजे तक बढ़ाने की बात कही है।

दो जुलाई को दोपहर बाद तीन बजे निविदा खोली जाएगी। नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने सफाई देते हुए कहा कि फायदा पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं है। नगर निगम की वेबसाइट पर निविदा अपलोड नहीं करने का मामला संज्ञान में आते ही निविदा की तिथि को बढ़ा दिया है।