भगवान बद्रीविशाल के धाम का होगा कायाकल्प

केदारनाथ धाम की तर्ज पर बदरीनाथ धाम को भी विकसित करने की उत्तराखण्ड सरकार कवायद में जुटी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने करीब 48 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। मास्टर प्लान के तहत निर्माण होंगे।उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि विस्तृत कार्य योजना के तहत बदरीनाथ धाम में आस्था पथ का निर्माण होगा। आस्था पथ बनने के बाद 300 मीटर दूर से ही बदरीनाथ धाम मंदिर के दर्शन होंगे। इसलिए आस्था पथ के लिए मार्ग में आने वाले दुकानों को विस्थापित किया जाएगा।विस्थापन के लिए मंदिर समिति और शासन के बीच सहमति बन चुकी है। उत्तराखंड में साल 2013 की आपदा के बाद अब हर साल यात्रियों की संख्याा में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम मास्टर प्लान बना रहे हैं और मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्य होंगे। जिस तरह से केदारनाथ में कुछ कॉरपोरेट्स ने हेल्प किया है हम चाहते हैं कि बद्रीनाथ धाम में भी उनकी और जनता की सहभागिता हो। सीएम ने कहा कि हम जनता से भी मदद लेंगे जो काम करना है मास्टर प्लान के मुताबिक काम होगा।उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। जिस तरह से केदारनाथ धाम में विकास कार्य हुए हैं उसी तरह से बदरीनाथ धाम में भी मांग आई थी कि विकास कार्य हो। हम लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं कि मास्टर प्लान के तहत वहां पर निर्माण कार्य हो। जब तीर्थयात्री दर्शन करने आए तो वहां पर स्वच्छता, मंदिर दर्शन के लिए बेहतर सुविधा, पेयजल, बिजली, सीवरेज तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।आस्था पथ के लिए बद्रीनाथ धाम के मार्ग में आने वाली दुकानों का विस्थापन किया जाएगा। बद्रीनाथ धाम को संवारने के लिए करीब 48 करोड़ मंजूर किए गए हैं। मंदिर को जगमगाने के लिए एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।यात्री सुविधा के कई केंद्र बनाए जाएंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। बामणी नाले पर फुट ब्रिज बनेगा।माता मूर्ति परिसर का सौंदर्यीकरण होगा।वाहनों की पार्किंग बनाने का भी काम किया जाएगा।