नशा शराब में होता तो नाचती बोतल

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, और देवभूमि में देवता निवास करते हैं। लेकिन वहीं देवभूमि में राक्षस जैसी प्रवृत्ति अपनायी जाने लगे तो सवाल तो खड़े होते ही हैं। जब उत्तराखंड जैसी जगह में सुरा यानि शराब बनने लगे और पवित्र जगह पर मयखाने सजने लगे तो देवों की इस धरती पर दाग तो लगना तय है। जी हां अब उत्तऱाखंड की जीरो टॉलरेंस की त्रिवेंद्र रावत सरकार अब शराब बनाने का काम कर रही है। ये वही सरकार है जो शराब को गलत बताती है। लेकिन इसी बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार ने उत्तराखंड की देवनगरी देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री खुलवा दी है।देवभूमि उत्तराखंड के देवप्रयाग में हिल टॉप शराब फैक्ट्री खोलने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश की राजनीति का पारा गर्मा गया है।आपको बता दें कि देवप्रयाग एक धर्मनगरी है इस वजह से भी वहां शराब फैक्ट्री खोलने का विरोध हो रहा है।देवप्रयाग में हिल टॉप शराब फैक्ट्री लगाने को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने सरकार के ज़रिए इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने को लेकर कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में शुरु किए गए इस प्रोजेक्ट का बीजेपी ने सड़कों पर उतरकर खूब विरोध किया था लेकिन अब भाजपा कांग्रेस के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही। कांग्रेस पूछती हैं, “वे इस बात का जवाब चाहते हैं कि अगर कांग्रेस कोई काम करे तो वह पाप है और वही काम बीजेपी करे तो वह पुण्य क्यों बन जाता है? ” तो वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत सोशल मीडिया पर अक्सर सियासी सुर्खियां बटोरते आए हैं और देवप्रयाग के हिल टॉप में व्हिस्की प्लांट लगाने का मुद्दा भी उन्हीं के ट्वीट से गर्माया है, अपने ट्वीट में हिन्दी और कुमाऊंनी में एक संदेश जनता के नाम लिख हरीश रावत ने पूछा कि जब वह अपने कार्यकाल में फलों, साग-सब्जियों की एल्कोहल युक्त फ्रूटी बनाने के लिए बात कर रहे थे तब खूब विरोध हुआ था, अब जब धर्मनगरी देवप्रयाग के हिल टॉप में व्हिस्की परोसने के प्रोजेक्ट पर सरकार काम कर रही है तो अब सब क्यों खामोश हैं? खैर सरकार किसी की भी हो हर सरकार ने देवभूमि में मयखाने खुलवाने का काम किया है।