नर्स व टैक्नीशियन स्टाफ की भर्ती फंसी नियमावली के फेर में

उत्तराखण्ड में लचर स्वास्थ्य व्यस्थाओं का मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी भी रहा है।सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी के चलते मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिला पाता है।इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्थायी नर्सिंग स्टाफ और टैक्नीशियन भर्ती का निर्णय लिया था।मगर यह भर्ती भी नियमावली के फेर में फंस गई है, इसके तहत देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के लिए स्टाफ नर्स और टैक्नीशियन भर्ती का निर्णय लिया था, चार महीने पहले मंजूरी मिलने के बाद भी अब तक भर्ती प्रक्रिया के लिए नियमावली तैयार नहीं हो पाई है।उत्तराखण्ड के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एक भी स्थायी स्टाफ नर्स व टैक्नीशियन अब तक नहीं हैं,विभाग ने कुछ कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग से लिए हैं,बड़ी संख्या में कर्मचारी आउटसोर्स भी किए गए हैं।मेडिकल कॉलेजों में स्थायी स्टाफ नर्स औऱ टैक्नीशियन न होने से अस्पतालों पर बुरा असर पड़ रहा है।