नगर पालिका अध्यक्ष ने बेच दी करोड़ो रूपये की सरकारी जमीन एक पड़ताल में हुवा बड़ा खुलासा

पौड़ी में पिछले लम्बे समय से वित्तीय अनियमितताओं के अनेक मामलों में फंसे पड़े नगर पालिका पौड़ी के अध्यक्ष ''यशपाल बेनाम'' की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है दरअसल एक पड़ताल में नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी  यशपाल बेनाम द्वारा सरकारी जमीन को बेचने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है इस मामले के बाद पालिका अध्यक्ष की मुसीबते अब और अधिक बढ़ सकती हैं, दरअसल जिला विकास प्राधिकरण में भवन का मानचित्र स्वीकृत कराने हेतु आये एक प्रकरण में भूमि स्वामित्व दस्तावेज में एक ऐसी रजिस्ट्री मीडिया के हाथ लगी है जिसमें नगरपालिका अध्यक्ष “बेनाम”की फ़ोटो विक्रेता के रूप में दिखायी दी है बेनाम ने इस रजिस्ट्री में भूमि का स्वामी बनकर नगरपालिका परिषद की भूमि बाल्मिकी बस्ती क्षेत्र के निवासी मुरारी नाम के एक व्यक्ति को बेच डाली है,जबकि क़ानूनी रूप से नगरपालिका परिषद सरकारी भूमि की सिर्फ़ प्रबन्धक होती है स्वामी नहीं! ऐसे में नगरपालिका अध्यक्ष “बेनाम” ने कैसे स्वयं को भूमि का स्वामी दिखाकर जमीन बेच डाली ये बड़ा गम्भीर मामला है हालांकि पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम का कहना है की बाल्मीकि बस्ती में रह रहे लोगो को उनका मालिकाना हक दिया गया है जिसमे 20 से 25 लोगो को जमीन का आवंटन हुवा है पालिका अध्यक्ष की माने तो सभी कार्यवाही विधिवत तौर तरीके से हुई हैं वहीँ जिला विकास प्राधिकरण के संज्ञान में “बेनाम” द्वारा नगरपालिका की भूमि को बेचने के कई अन्य मामले भी संज्ञान में आये हैं जिसमे इसी तरीके से जमीन को बेचा गया है जो एक बड़ी जांच का विषय है वहीँ अपर जिलाधिकारी शिव कुमार बर्नवाल के संज्ञान में ये मामला पूर्व में ही आ चुका है जिस पर उचित कार्यवाही का आश्वासन जिला प्रशासन दे चुका है ऐसे में अपर जिलाधिकारी द्वारा की जा रही कार्यवाही के बारे में जानने के लिए जब अपर जिलाधिकारी पौड़ी शिव कुमार बर्नवाल से ''आवाज 24x7'' के संवाददाता ने उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो अपर जिलाधिकारी ''शिव कुमार बर्नवाल'' मीडिया कर्मी को ही  नियम कायदे उन्हें न सिखाने की बात कहकर धमकाने लगे और उन्हें दफा होने को कहने लगे जिस पर ये साफ़ होता है की भ्रष्टाटाचार को जड़ से खत्म करने वाली प्रशासन व इसके  नुमाइन्दे किस तरह अब पत्रकारो को नियम कायदे उन्हें न सिखाने का हावाला दे रहे हैं ऐसे में पाख साफ़ जांच की उम्मीद करना बेईमानी ही होगी।