धूमधाम से मनाई गई दुर्गा अष्टमी

राजधानी में दुर्गा अष्टमी बड़े उत्साह पूर्वक मनाई गई। शारदीय नवरात्रि का रविवार को आठवां दिन है। इस महाष्टमी के दिन माता महागौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना कि गई। जिसमें घर-घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं का पूजन किया गया । इस पूजन में कन्याओं को भोजन कराया गया। और उन्हें उपहार भेंट किया गया। साथ कन्याओं का आशीर्वाद लिया।जिसमें सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हो इसके लिए सभी ने दुर्गा महाष्टमी को बड़े पवित्र ढंग से विधि विधान के साथ मनाया गया। वही आपको बता दे कि महाष्टमी कन्या पूजा और दुर्गा पूजा आठवें दिन यानी कि महाअष्‍टमी को कन्‍या पूजन से पहले महागौरी की पूजा का विधान है।वही जिसमेे महागौरी की पूजा अत्‍यंत कल्‍याणकारी और मंगलकारी है। मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की विधिपूर्वक आराधना की गई।वही हिन्दु रीति रिवाज के अनुसार मान्‍यता है कि सच्‍चे मन से अगर महागौरी को पूजा जाए तो सभी संचित पाप नष्‍ट हो जाते हैं और भक्‍त को अलौकिक शक्तियां प्राप्‍त होती हैं। वही हिन्दु धर्म में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता शैलपुत्री 16 वर्ष की अवस्था में अत्यंत्र सुंदर और गौर वर्ण की थीं।अत्यंत गौर वर्ण के कारण ही माता का नाम महागौरी पड़ा। जिसमें देहरादून में कई धार्मिक स्थलों मंदिरों व दुर्गा पण्डालों में महाष्टमी पूजन किया गया।जिसमें करणपुर बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में बजरंग सेवा समिति द्वारा आयोजित 29 दुर्गा पूजा महोत्सव में पूजा पंडाल में पंडित शास्त्री गिरीश चंद्र सेमवाल ने बताया आज महागौरी की मां अष्टमी पूजन के दिन प्रातः 8.30बजे मां गौरी की पूजा विधि विधान के साथ की गई। इसके बाद प्रातः 10.45बजे संधि पूजा की गई एवं दोपहर 12.00 बजे पुष्पांजलि के बाद हवन किया गया। फिर इसके बाद छोटी.छोटी कन्याओं को जमा कर कन्या पूजन किया गया जिसमें मां अष्टमी की में माॅ दुर्गा व माॅ गौरी को हलवा पूरी व नारियल का प्रसाद भोग लगाया गया और साथ ही कन्याओं को भोजन व प्रसाद के साथ उन्हें उपहार भी दिया गया।