तीन दिन तक देहरादून में साहित्य से जुड़े हस्तियों का जमावड़ा

आज के आधुनिक दौर में जहां एक तरफ युवा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ता ही जा रहा है,तो वहीं दूसरी और युवाओं में साहित्य और किताबों को लेकर भी रुझान खत्म होता दिखाई दे रहा है।साहित्य और किताबों को बढ़ावा देने के लिए राजधानी देहरादून में आज से तीन दिन तक साहित्य के सितारों का जमावड़ा लग गया है।दून इंटरनेशनल स्कूल रिवर साइड कैंपस में आज से लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज हो गया है,जिसका शुभारंभ पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड और विशिष्ट अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने किया।तीन दिवसीय यह फेस्टिवल नई पीढ़ी को किताबों से मुहब्बत का पैगाम देगा।स्कूली छात्र-छात्राओं और युवाओं को डिजिटल वर्ल्ड से वापस किताबों की तरफ लौटाने पर फोकस किया गया है।यही कारण है कि फेस्टिवल में युवाओं को ध्यान में रखते हुए कई सत्र आयोजित किए जाएंगे।


तीन दिन के फेस्टिवल में कुल 45 सत्र आयोजित किए जाएंगे।पहले दिन शुक्रवार को उद्घाटन समेत कुल छह सत्र होंगे। दूसरे दिन शनिवार 12 अक्तूबर को सुबह 10 बजे से शाम आठ बजे तक 22 सत्र आयोजित किए जाएंगे।अंतिम दिन कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर परिचर्चा के साथ ही कई किताबों का विमोचन और पुस्तकों पर चर्चा होगी।साथ ही साहित्य और लेखन से जुड़े सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।अंग्रेजी साहित्य के साथ ही हिंदी कविता और लेखन पर भी चर्चा होगी।तीन दिवसीय इस आयोजन में साहित्यकारों,कवियों,कलाकारों और सिनेमा से जुड़ी हस्तियां मौजूद रहेंगे।वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि चर्चाएं और चिंतन हमेशा चलती रहनी चाहिए और टेक्नोलॉजी के बावजूद भी आज भी अखबार का अपना महत्व है।