जलागम विकास परियोजनाओं हेतु महाराज ने केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से की मुलाकात

प्रदेश के बेरोजगार नवयुवकों और कोविड-19 के पश्चात उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए आजीविका के अवसरों को बढा़ने के लिए उत्तराखंड सरकार निरन्तर प्रयासरत है।वैश्विक महामारी के चलते लॉकडाउन से प्रभावित हुई प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इन्हें भगीरथ प्रयासों के तहत उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने आज केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से भेंट कर उन्हें जलागम विकास परियोजनाओं हेतु 1000 करोड़ के प्रस्ताव सौंपे।


मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के दौरान उन्हें बताया कि उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वित की जा रही विश्व बैंक पोषित उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना ग्राम्या फेज-2 एक सफल परियोजना है। यह परियोजना वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दुगनी करने एवं प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्धन तथा पुनर्जीवन की परिकल्पना को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। महाराज ने कहा कि यह परियोजना वैश्विक महामारी कोविड-19 के पश्चात उत्तराखंड में वापस आए प्रवासी भाई बहनों के लिए भी आजीविका के अवसरों में वृद्धि और सहयोग करने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। 


साथ ही उन्होनें कहा कि जलागम प्रबंधन विभाग उत्तराखंड द्वारा राज्य के उच्च दुर्गम पर्वतीय हिमालय क्षेत्रों में लगभग 4 दशकों से विभिन्न बाह्य वित्त पोषित जलागम परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता रहा है। उन्होने कहा कि इन परियोजनाओं की इस हिमालय राज्य में जल एवं भू संपदा के संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही परियोजनाओं से प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सीमांत कृषकों हेतु संचालित विभिन्न गतिविधियों में सहयोग से उनकी आजीविका का संवर्धन भी हुआ है।


केन्द्रीय मंत्री से भेंट के दौरान उत्तराखंड के जलागम मंत्री महाराज ने उन्हें बताया कि प्रदेश के सूदूरवर्ती गांव जो वीरान हो गये थे प्रवासियों के आने के बाद फिर से आबाद होने लगे हैं। इसलिए उनकी कोशिश है कि उत्तराखंड वापस लौटे प्रवासियों को जलागम परियोजनाओं के माध्यम से गांव में ही आजीविका के अवसर प्राप्त हों।केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने उत्तराखंड के जलागम मंत्री श्री सतपाल महाराज को आश्वासन दिया कि वह इसके लिए गंभीरता से प्रयास करने के साथ-साथ उक्त परियोजना के विस्तार पर संस्तुति  करते हुए शीघ्र ही विश्व बैंक को वित्त पोषण हेतु प्रेषित करेंगे।