चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को खुलेगेंं।

चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खोले जाएंगे। इसके लिए मंदिर समिति की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी तक रुद्रनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। लॉकडाउन के चलते इसमें विलंब हुआ।रुद्रनाथ धाम में भगवान शिव के मुख दर्शन होते हैं। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी प्रयाग दत्त भट्ट ने बताया कि 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से बाबा रुद्रनाथ की भोग मूर्ति बाहर निकालकर सभामंडप में स्थापित की जाएगी। दो दिन बाबा यहीं भक्तों को दर्शन देंगे।
16 मई को बाबा की उत्सव डोली रुद्रनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी और उसका पहला पड़ाव होगा पनार बुग्याल। 17 मई की शाम डोली रुद्रनाथ धाम पहुंचेगी और 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।बताया कि कपाट खुलने के मौके पर धाम में कितने लोग मौजूद रहेंगे, इसे लेकर जल्द प्रशासन के साथ बैठक होनी है। डोली यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उधर, रुद्रनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। यह पैदल मार्ग केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधीन है।प्रभाग की रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने बताया कि छह मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हुए हैं। हालांकि पित्रधार से आगे अधिक बर्फ होने और रोज शाम के वक्त मौसम का मिजाज बिगड़ने से बर्फ हटाने के कार्य बाधित हो रहा है। बावजूद इसके कपाट खुलने से पूर्व मार्ग से बर्फ को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।