क्या अपनी ही पार्टी की नैय्या डुबोने में लगे हैं,भाजपा के बड़बोले विधायक ?

देश की सबसे अनुशासित पार्टी का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक ही पार्टी के अनुशासन की धज्जियां उड़ा रहे हैं।उत्तराखण्ड में इन दिनों भाजपा के विधायक अपने कार्यों से ज्यादा अपने बड़बोले बयानों से सुर्खियों में हैं।इनके बयानों से जहां पार्टी बैकफुट पर है तो वहीं अब मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इन्हें नसीहत देते नजर आए।
कुछ दिनों पूर्व रामलीला मंचन में रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल सीता के पात्र को सीता मेरी जान कहकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर चुके हैं,तो वहीं लक्सर से पार्टी के विधायक संजय गुप्ता कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पाकिस्तान जाने की नसीहत दे चुके हैं।देहरादून के रायपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ के बागी को समर्थन देने के वायरल ऑडियो ने संगठन में खलबली मचा दी थी,जिस पर पार्टी संगठन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।अभी ये मामले थमे भी नहीं थे कि पार्टी के ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर ने अपनी ही विधानसभा के एक हिस्से को लेकर विवादित बयान दे दिया।हालांकि उनके बयान की चौतरफा आलोचना के बाद उन्होंने माफी भी मांग ली।
विधायकों के इन बयानों के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बड़बोले विधायकों को नसीहत देते हुए कहा है कि भाजपा सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास के लिए कटिबद्ध है,ऐसे में यदि कोई विधायक या कार्यकर्ता इस तरह की बात करता है तो यह बिल्कुल ठीक नहीं है।अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री की नसीहत इन विधायकों पर कितना असर करती है,और क्या पार्टी इन्हें मुख्यमंत्री की नसीहत तक ही सीमित रखेगी या 14 अक्टूबर पार्टी संगठन की होने वाली बैठक में इनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगी।प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव भी चल रहे हैं,विधायकों के विवादित बयान कहीं न कहीं पंचायत चुनावों के परिणामों पर असर डाल सकते हैं।
कुछ दिनों पूर्व रामलीला मंचन में रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल सीता के पात्र को सीता मेरी जान कहकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर चुके हैं,तो वहीं लक्सर से पार्टी के विधायक संजय गुप्ता कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पाकिस्तान जाने की नसीहत दे चुके हैं।देहरादून के रायपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ के बागी को समर्थन देने के वायरल ऑडियो ने संगठन में खलबली मचा दी थी,जिस पर पार्टी संगठन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।अभी ये मामले थमे भी नहीं थे कि पार्टी के ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर ने अपनी ही विधानसभा के एक हिस्से को लेकर विवादित बयान दे दिया।हालांकि उनके बयान की चौतरफा आलोचना के बाद उन्होंने माफी भी मांग ली।
विधायकों के इन बयानों के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बड़बोले विधायकों को नसीहत देते हुए कहा है कि भाजपा सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास के लिए कटिबद्ध है,ऐसे में यदि कोई विधायक या कार्यकर्ता इस तरह की बात करता है तो यह बिल्कुल ठीक नहीं है।अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री की नसीहत इन विधायकों पर कितना असर करती है,और क्या पार्टी इन्हें मुख्यमंत्री की नसीहत तक ही सीमित रखेगी या 14 अक्टूबर पार्टी संगठन की होने वाली बैठक में इनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगी।प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव भी चल रहे हैं,विधायकों के विवादित बयान कहीं न कहीं पंचायत चुनावों के परिणामों पर असर डाल सकते हैं।