कोटद्वार में बनेगा 300 बेड का अस्पताल

राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ई.एस.आई.सी.) की बैठक में कोटद्वार में 300 बैड के सुपर स्पेशियल हाॅस्पिटल की स्वीकृति के साथ पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे संस्थानों को भी ई.एस.आई.सी. के दायरे में लाने का फैसला लिया गया, जिनमें 5 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा स्वैच्छिक ई.एस.आई.सी. के लिए भी प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया। बोर्ड बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए 10 से 20 बेड के अस्पतालों को भी सम्बद्धता देने का फैसला लिया गया।श्रम मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश से अलग होते समय ई.एस.आई.सी.के तहत लगभग 30 हजार कर्मचारी लाभान्वित होते थे जबकि इस वक्त लगभग 28 लाख कर्मचारियों को ई.एस.आई.सी. से चिकित्सकीय सुविधायें प्रदान की जा रही हैं जबकि कर्मचारियों का ढांचा वही है जो उत्तर प्रदेश के समय था।बोर्ड ने सर्वसम्मिति से वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया।यह भी निर्णय लिया गया कि ई.एस.आई.सी. अस्पताल रूद्रपुर का उद्घाटन फरवरी, 2019 में हो गया था किन्तु अभी तक अस्पताल में मात्र ओ0पी0डी0 कार्य कर रही है। इसके लिए भारत सरकार से तुरन्त परामर्श कर वहां यथोचित सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए कहा जायेगा जिससे 100 बेड में से कम से कम 50 बैड अगले 3 महीने में कार्य करने लगे और राज्य के कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक में कोटद्वार के अन्दर 300 बेड के सुपर स्पेशियल अस्पताल के निर्माण को भी हरी झण्डी दी गयी।  आपको बता दें कि राज्य सरकार पहले ही इस अस्पताल के लिए भूमि अधिग्रहित कर उस पर चारदीवारी करवा चुकी है।