कार्बेट नेशनल पार्क में सैलानी वन्य जीवों को उनके नाम या अपने पसंदीदा नाम से नहीं पुकार सकेंगे।

विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में आने वाले सैलानी अब वन्य जीवों को अपने पसंदीदा नाम के अनुसार नहीं बुला सकेंगे,कार्बेट प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से वन्यजीवों का नाम रखने पर रोक लगा दी है, ऐसा करने वालों के खिलाफ वन्य जीव कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा, इतना ही नहीं बाघ दिखाई देते ही जिप्सी रूकवा कर मूवमेंट पर नजर रखना,बार-बार बाघ दिखने पर धारियों के जरिये पहचान कर नाम देना, कार्बेट पार्क भ्रमण के दौरान वन्यजीवों का रास्ता रोकना भी अब अपराध के दायरे में आएगा।इस बार जिम कार्बेट नेशनल पार्क का बिजरानी जोन 15 अक्टूबर से खोला जाएगा,जबकि बाकी जोन 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खोल दिए जाएंगे।
दरअसल कार्बेट के बिजरानी और ढिकाला जोन में कई बाघों को सैलानी उनके नाम से जानते हैं। बिजरानी जोन में एक बाघ का नाम पर्यटकों ने शर्मीली रखा है।ढिकाला में शावकों संग दिखने वाली बाघिन का नाम पारो रख दिया है, ऐसे ही अन्य जीवों को भी नाम दिए गए हैं।पार्क प्रशासन के अनुसार वन्यजीवों का नाम रखने से उनकी पहचान जाहिर होती है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।