उत्तराखण्ड़ में बंद होंगे 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन !

देहरादून में पेट्रोल डीजल के वाहनों की संख्या में इजाफा होने के चलते प्रदूषण भी काफी बड़ा है।जिसे देखते हुए एनजीटी ने परिवहन विभाग के सामने 10 साल पुराने कॉमर्शियल वाहन बंद करने का प्रस्ताव रखा है।एनजीटी के प्रस्ताव पर उत्तराखण्ड़ में दस साल से पुराने कमर्शियल वाहनों को बंद करने की तैयारी है,ऐसे में कमर्शियल वाहन चालकों के सामने रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है.उत्तराखंड में अगर 10 साल पुराने हुए वाहनों को बंद कर दिया जाता है,तो लाखों की संख्या में वाहन राज्य से बाहर हो जायेंगे और लाखों परिवारों के सामने रोजी का संकट पैदा हो जायेगा।4 नवंबर को देहरादून में आरटीए की बैठक होनी है,जिसमें कामर्शियल वाहनों को बंद करने का यह फैसला लिया जा सकता है।इसमें बस,टैक्सी,ऑटो,विक्रम शामिल हैं।इसके लिए परिवहन विभाग फ्री पॉलिसी को भी मंजूरी देने जा रहा है,जिसके तहत सीएनजी और इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाथों-हाथ परमिट भी दिए जाएंगे।आरटीए की बैठक में परमिट की फ्री पॉलिसी समेत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।देहरादून आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि वाहनों से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है,जिसको देखते हुए उचित निर्णय लेने का समय आ गया है। प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने विभागों को निर्देश दिए हैं,एनजीटी ने वायु प्रदूषण को लेकर नियम बनाने को लेकर विभाग को कहा है,परिवहन विभाग को 10 साल पुराने वाहन बंद करने को कहा गया है, इस विषय में आरटीए की बैठक होनी है जिसमे महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।वहीँं वाहन चालकों का कहना है की अगर ऐसा होता हे तो उनकी रोजी रोटी पर संकट आ जायेगा सरकार को वाहनों की फिटनेस बढ़ा दी जानी चाहिए लेकिन वाहन बंद नहीं किये जाने चाहिए।