उत्तराखण्ड़ के अल्मोड़ा का वह मंदिर जहां भक्तों,पर्यटकों के साथ नासा के वैज्ञानिक भी आ चुके हैं।

देशभर में इन दिनों नवरात्र की धूम देखी जा रही है,माता के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है।वहीं उत्तराखण्ड की बात की जाए तो प्रदेश को देवभूमि भी कहा जाता है,यहां जगह-जगह पर कई मंदिर स्थित हर मंदिर का अपना अलग धार्मिक महत्व है।आज हम एक ऐसे मंदिर की बात करने जा रहे हैं जहां न केवल श्रद्धालु एवं पर्यटक पहुंचते हैं,बल्कि नासा के वैज्ञानिक भी रिसर्च के लिए पहुंच चुके हैं।उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित कसार देवी मंदिर एक ऐसा मंदिर है,जिसमें नासा के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।कसार देवी क्षेत्र में माता के कात्यायनी रुप की पूजा होती है,कहा जाता है कि यहां माता ने शुंभ निशुंभ का वध किया था।कहा जाता है कि इस मंदिर के क्षेत्र में मैग्नेटिक फील्ड एक्टिवेटेड है।जिसकी जांच के लिए भारत ही नहीं बल्कि नासा के वैज्ञानिक भी रिसर्च में जुटे हुए हैं।अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कसार देवी मंदिर पहुंचने के लिए आपको 100 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं,क्योंकि मंदिर उंचाई पर है।लेकिन इस मंदिर की सीढ़ियों को पार करने के बाद जब आप मंदिर के मुख्य परिसर में पहुंचते हैं तो वहां का नजारा देखने लायक होता है। यह अल्मोड़ा शहर का सबसे ऊंचाई वाला क्षेत्र है जहां से आपको पूरा 360 डिग्री व्यू दिखाई देता है।
कसार देवी मंदिर में बड़े पैमाने पर पर्यटक भी पहुंचते हैं कई स्थानीय लोग भी यहां सालों से आ रहे हैं ऐसे ही एक स्थानीय व्यक्ति दीपक जोशी का कहना है कि वह लगातार कसार देवी आते हैं और हफ्ते में कभी कभी दो बार भी आते हैं,उनको यह जगह अपनी ओर खींचती है,और यहां आकर सुकून मिलता है।कसार देवी क्षेत्र आध्यात्मिक के अलावा कई लेखकों और बुद्धिजीवियों की भी पसंदीदा जगह रहा है स्वामी विवेकानंद, तिब्बती धर्मगुरु लामा,अंगारिका गोविंदा और बॉब डिलन जिन्हें पिछले साल नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया,कई बड़ी हस्तियां यहां पर तपस्या करने के लिए पहुंची थी।1970 के बीच हिप्पियों का क्षेत्र में आना काफी रहा।आज भी बड़े पैमाने पर हिप्पी क्षेत्र में आते हैं और कुछ महीने निवास करते हैं।इटली निवासी जॉन पिछले 13 सालों से कसार देवी में रह रहे हैं हालांकि अब उनका नाम जीवन है और उन्होंने कसार देवी में ही शादी कर ली है,जीवन का कहना है कि उन्हें यह क्षेत्र अपनी ओर अट्रैक्ट करता है और उनको भी वाइब्रेशन महसूस होता है अपने ढाई साल की बेटी नितिशा को जीवन हर रोज कसार देवी बाजार में घुमाने ले जाते हैं। जीवन भी कहते हैं कि क्षेत्र में बड़े-बड़े राइटर्स और फिलॉस्फर्स आते रहे हैं।
कसार देवी क्षेत्र में मैग्नेटिक फील्ड वाला एरिया है या नहीं इस बारे में हमने कुमाऊं विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर और जाने-माने पर्यावरणविद् डा. अजय रावत से बात की तो उन्होंने कहा कि, वैन एलेन बेल्ट की जांच के लिए नासा की टीम भी यहां पहुंची थी और उन्होंने इसकी रिसर्च की,यह बात सही है कि यह एक मैग्नेटिक फील्ड वाला एरिया है,दुनिया में माचू पिच्चू,पेरू(अमेरिका) और स्टोन हैंग स्मारक,विल्टशायर (इंग्लैण्ड) के बाद कसार देवी अल्मोड़ा (भारत) समेत तीन जगह में कसार देवी को शामिल किया गया है,उससे यह साफ है कि यह क्षेत्र अपनी मैग्नेटिक इफेक्ट के कारण लोगों को अट्रैक्ट करता है।
कसार देवी मंदिर में बड़े पैमाने पर पर्यटक भी पहुंचते हैं कई स्थानीय लोग भी यहां सालों से आ रहे हैं ऐसे ही एक स्थानीय व्यक्ति दीपक जोशी का कहना है कि वह लगातार कसार देवी आते हैं और हफ्ते में कभी कभी दो बार भी आते हैं,उनको यह जगह अपनी ओर खींचती है,और यहां आकर सुकून मिलता है।कसार देवी क्षेत्र आध्यात्मिक के अलावा कई लेखकों और बुद्धिजीवियों की भी पसंदीदा जगह रहा है स्वामी विवेकानंद, तिब्बती धर्मगुरु लामा,अंगारिका गोविंदा और बॉब डिलन जिन्हें पिछले साल नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया,कई बड़ी हस्तियां यहां पर तपस्या करने के लिए पहुंची थी।1970 के बीच हिप्पियों का क्षेत्र में आना काफी रहा।आज भी बड़े पैमाने पर हिप्पी क्षेत्र में आते हैं और कुछ महीने निवास करते हैं।इटली निवासी जॉन पिछले 13 सालों से कसार देवी में रह रहे हैं हालांकि अब उनका नाम जीवन है और उन्होंने कसार देवी में ही शादी कर ली है,जीवन का कहना है कि उन्हें यह क्षेत्र अपनी ओर अट्रैक्ट करता है और उनको भी वाइब्रेशन महसूस होता है अपने ढाई साल की बेटी नितिशा को जीवन हर रोज कसार देवी बाजार में घुमाने ले जाते हैं। जीवन भी कहते हैं कि क्षेत्र में बड़े-बड़े राइटर्स और फिलॉस्फर्स आते रहे हैं।
कसार देवी क्षेत्र में मैग्नेटिक फील्ड वाला एरिया है या नहीं इस बारे में हमने कुमाऊं विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर और जाने-माने पर्यावरणविद् डा. अजय रावत से बात की तो उन्होंने कहा कि, वैन एलेन बेल्ट की जांच के लिए नासा की टीम भी यहां पहुंची थी और उन्होंने इसकी रिसर्च की,यह बात सही है कि यह एक मैग्नेटिक फील्ड वाला एरिया है,दुनिया में माचू पिच्चू,पेरू(अमेरिका) और स्टोन हैंग स्मारक,विल्टशायर (इंग्लैण्ड) के बाद कसार देवी अल्मोड़ा (भारत) समेत तीन जगह में कसार देवी को शामिल किया गया है,उससे यह साफ है कि यह क्षेत्र अपनी मैग्नेटिक इफेक्ट के कारण लोगों को अट्रैक्ट करता है।