उत्तराखंड जल विद्युत निगम में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल

उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक एस.एन. वर्मा एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार निगम प्रबंधक के ऊपर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं।दरअसल यूजेवीएनएल में ई. आर.पी.लागू की गई।जिसके लिए दो कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। लेकिन निगम के प्रबंधक ने नियमों को ताक में रखकर अपनी चहेती कंपनी को लाभ पहुंचाया गया। जिसमें करोड़ों रुपये का बंदरबाट किया गया। निगम में हो रहे लगातार भ्रष्टाचार को देखते हुए उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने भी अब मोर्चा खोल दिया है। यूजेवीएनएल द्वारा ई.आर.पी. की टेंडर प्रक्रिया में दो ऐसी कंपनियों में ऐसी कंपनी का चयन किया गया जिसने टेंडर प्रक्रिया में दूसरी कंपनी के मुकाबले 5 करोड़ अधिक टेंडर भरा था। निगम प्रबंधक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर अपनी चहेती कंपनी को टेंडर दिलाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गयी।एक आरटीआई की सूचना के अनुसार ई.आर.पी. टेंडर प्रक्रिया में मै.एटीएस लिमिटेड ने 34.49 करोड़ की बिड दी थी तो वहीं असेंचर कंपनी ने 39.21 करोड़ की बिड भरी थी। लेकिन यूजेपीएनएल के प्रबंध निदेशक एस. एन.वर्मा द्वारा क्यू. सी.बी.एस. का हवाला देते हुए ई. आर. पी का कार्य असेंचर सेल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। जिसमें भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला गया। क्या यही है जीरो टॉलरेंस की सरकार।