उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के लिए हाइकोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस

पिछले कई समय से लंबित जमरानी बांध के निर्माण कार्य के प्रारंभ नही होने से उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अब सख्त रुख अपनाते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा है।

आपको बता दे कि पिछले साल कोर्ट ने छः महीने के अंदर  सभी रुकावटों और आपत्तियों को दूर कर बांध निर्माण कार्य प्रारंभ करने के आदेश दिए थे।हल्द्वानी गौलापार निवासी रविशंकर ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में अवमानना याचिका में कहा है, कि हाई कोर्ट ने नवंबर 2018 की उनकी जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिए थे कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश  सरकार इसका निर्माण कार्य तीन साल में पूरा करे,इसके प्रस्ताव को दोनों ही सरकारों के मुख्य सचिव केंद्र को भेजे और केंद्र को इस पर शीघ्र निर्णय लेने को भी कहा था,कोर्ट ने छः महीने के अंदर डीपीआर बनाने के निर्देश भी दिये थे, याचिकाकर्ता का कहना है कि जमरानी बांध निर्माण का प्रस्ताव 1975 में तैयार हुआ था तब इसके निर्माण की कुल लागत 61.25 करोड़ थी, उसके बाद 1982 में जमरानी बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ,जिसमे 40 किमी लम्बी नहरों का निर्माण भी किया गया,पर तब से अब तक बाकी कार्य जस का तस ही रुका हुआ है, इसके लिए कई बार डीपीआर भी बनाई गई।याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि कोर्ट के आदेश का पालन नही होने पर उन्होंने आरटीआई में इसका जवाब मांगा तब सरकार ने कहा कि अभी बांध निर्माण कार्य से संबंधित बहुत सी संस्तुतिया हैं।

फिलहाल हाई कोर्ट ने दोनों ही सरकारों के लिए सख्त रुख अपनाते हुए दोनों है राज्यो के मुख्य सचिवो को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने को कहा है।