उत्तरकाशी जनपद में धूमधाम से मनाई गई गुरू पूर्णिमा

उत्तरकाशी।
जिले में गुरू पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर आश्रमों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। वहीं गुरू भक्तों ने अपने गुरू का आर्शिवाद लेकर परिवार की खुशहाली की मन्नतें मांगी। मंगलवार को जिले में गुरू पूर्णिमा पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किये गये। मांडो गांव स्थित बराडी शक्ति पीठ एवं शांति सधना कुटीर पर लोगों ने पौधारोपण किया। इस मौके पर व्यास पीठ से शांति प्रसाद भट्ट मानस प्रेमी ने श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और मुडिया पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पर्व है जिसे लोग त्योहार की तरह मनाते हैं। यह संधिकाल होता है, क्योंकि इस समय के बाद से बारिश में तेजी आ जाती है। पुरातन काल में ऋषि, साधु, संत एक स्थान से दूसरे स्थान यात्रा करते थे। चौमासा या बारिश के समय वे 4 माह के लिए किसी एक स्थान पर रुक जाते थे। आषाढ़ की पूर्णिमा से 4 माह तक रुकते थे, यही कारण है कि इन्हीं 4 महीनों में प्रमुख व्रत त्योहार आते हैं। इस दौरान भजन कीर्तन कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। वहीं सोमवार रात्री को राम सिंह राणा द्वारा विशेष कृतन भजन कर श्रद्धालुओं ने गुरू की महिमा का गुणगान किया। इस मौके पर रामकृष्ण नौटियाल, कुलदीप सेमवाल, मंजू सेमवाल, जगतम्बा पंवार, इंद्रेश उप्पल, शांति ठाकुर आदि अनेक भक्त मौजूद रहे। इधर, गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मातली में ओम मानव जन जागृति सेवा संस्था द्वारा सुबह से ही भजन कृतन व सुंदरकांड का पाठ किया गया। इस दौरान व्यास पीठ से आचार्य गणेश माहरा द्वारा सभी श्रद्धालुओं को गुरू की महिमा का वर्णन के बारे में बताया। गायत्री परिवार द्वारा शांति कुंज के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने तथा गंगा नदी को निर्मल बनाने का संकल्प लिया गया।