आईएएस अधिकारियों को नहीं भा रहा है उत्तराखंड

उत्तराखंड में आईएएस अधिकारियों की भारी कमी है हालात ऐसे हैं कि उत्तराखंड कैडर के 120 आईएएस अधिकारियों में सिर्फ 68 अधिकारी ही इस वक्त कैडर में है।जिनमें से कुछ सेंटर में डेपुटेशन पर है तो कुछ स्टडी लीव के नाम पर विदेशों में है। उत्तराखंड में आईएएस अधिकारियों की कमी के चलते राज्य को काफी नुकसान हो रहा है। देखिए आवाज उत्तराखंड की स्पेशल रिपोर्ट-
1- उत्तराखंड में  केंद्र द्वारा निर्धारित आईएएस कैडर के 120 पद हैं, जिनमें 84 डायरेक्ट आईएएस और 36 पद पीसीएस से प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के लिए सृजित हैं।
2- वर्तमान में केंद्र के द्वारा निर्धारित  उत्तराखंड कैडर के 120 आईएएस अधिकारियों के पद में से केवल 68 अधिकारी ही उत्तराखंड कैडर में तैनात हैं, जिनमें से करीब 10 से ज्यादा अधिकारी केंद्र और अन्य राज्यों में डेपुटेशन पर हैं, 6 अधिकारी स्टडी लीव पर है।
3- प्रदेश में डायरेक्ट आईएस अधिकारियों के 84 पद हैं जिनमें से केवल 48 ही इस वक्त तो उत्तराखंड कैडर में तैनात हैं।
4- प्रदेश में पीसीएस से प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के 36 पद सृजित हैं जिनमें से केवल 20 पदों पर ही प्रमोटी आईएएस अधिकारी तैनात हैं।
5- उत्तराखंड राज्य के प्रथम पीसीएस बैच के एक भी अधिकारी का अभी तक आईएस में प्रमोशन नहीं हुआ है, जब किसी बैच के 2  यूपीएस अधिकारियों का आईपीएस में प्रमोशन हो चुका है।
6- केंद्र द्वारा उत्तराखंड कैडर में राज्य सरकार के अधीन सीनियर पोस्ट में 66 आईएएस अधिकारियों के पद है, जबकि वर्तमान में उत्तराखंड कैडर में राज्य सरकार के अधीन सीनियर पोस्ट में सिर्फ 37 आईएएस अधिकारी ही तैनात है।
7- केंद्र द्वारा उत्तराखंड कैडर के 120 सृजित पदों पर केवल 56% पर ही अधिकारी तैनात है।
8- राज्य से केंद्र और अन्य राज्यों में अधिकारी एक तय समय के लिए ही डेपुटेशन पर जाते हैं। लेकिन अपनी पहुंच और पॉलिटिकल बैकग्राउंड के चलते अपने डेपुटेशन की समय सीमा बढ़ाते रहते हैं।
9- राज्य में मुख्य सचिव की डीपीसी के दौरान ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केंद्र से लौटना चाहते हैं।
10 - राज्य के विषम भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करने और पहाड़ी क्षेत्रों में तैनाती से बचने के लिए भी कई बार आईएएस अधिकारी डेपुटेशन पर निकल जाते हैं।
9 नवंबर सन 2000 को उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। राज्य गठन के साथ ही राज्य में अधिकारियों की तैनाती सबसे मुश्किल काम था। क्योंकि उस समय अधिकारियों से उत्तराखंड के विकल्प मांगे गए थे कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्तराखंड के विकल्प नहीं चुने जिन अधिकारियों ने उत्तराखंड का विकल्प चुना उन्हें प्रमोशन देकर भी उत्तराखंड में लाने की कोशिश की गई बावजूद इसके कई अधिकारी उत्तराखंड में काम करने को राजी नहीं थे। उत्तराखंड कैडर में पहले 60 आईएएस अधिकारी फिर 94 आईएएस अधिकारी और अब 120 आईएएस अधिकारियों के पद केंद्र द्वारा सृजित किए गए हैं। पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों का राज्य होने के चलते अधिकारी इस क्षेत्र में काम करने को तैयार नहीं हैं।आईएएस अधिकारियों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ता है क्योंकि अधिकारियों की कमी होने के चलते शेष अधिकारियों पर वर्क लोड काफी ज्यादा होता है जिसके चलते कई बार अधिकारी अलग-अलग विभागों में बैठते हैं और ऐसे में लंबित कार्य अधूरे रह जाते हैं।